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इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति फैले भ्रम दूर करना ज़रूरी – सिताराम कंदी

एमआइटी एडीटी विश्वविद्यालय में 'ई-मोबिलिटी उत्कृष्टता केंद्र' का उद्घाटन

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पुणे: इलेक्ट्रिक वाहनें न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व का भविष्य हैं, लेकिन आज भी इनके बारे में फैले अनेक भ्रम लोगों को इन्हें अपनाने से रोक रहे हैं। इलेक्ट्रिक कारों का संचालन खर्च पारंपरिक ईंधन की तुलना में अत्यंत कम है, फिर भी इनके बैटरी जीवन और प्रदर्शन को लेकर बनी भ्रांतियाँ रुकावट बन रही हैं। यदि इन भ्रांतियों को दूर किया जाए, तो भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री अभूतपूर्व रूप से बढ़ेगी। यह विचार टाटा मोटर्स के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी श्री सिताराम कंदी ने एमआइटी-एडीटी विश्वविद्यालय, पुणे में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में व्यक्त किए।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के यांत्रिक विभाग तथा इम्पीरियल सोसायटी ऑफ इनोवेटिव इंजीनियर्स (ISIE) के संयुक्त तत्वावधान में स्थापित ई-मोबिलिटी उत्कृष्टता केंद्र का उद्घाटन किया गया।

कार्यक्रम में कार्यकारी संचालक प्रा. डॉ. सुनीता कराड, भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय के उपसचिव श्री गौरव जोशी, कुलगुरु प्रा. डॉ. राजेश एस., प्रो-वाइस चांसलर डॉ. रामचंद्र पुजेरी, कुलसचिव प्रा. डॉ. महेश चोपडे, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के संचालक डॉ. विरेंद्र शेटे, अधिष्ठाता डॉ. सुदर्शन सानप, यांत्रिक विभाग प्रमुख डॉ. सचिन पवार, विद्यार्थी कल्याण संचालक डॉ. सुराज भोयार एवं ईवी प्रोग्राम डायरेक्टर प्रा. शशांक गावडे सहित कई विशिष्ट अतिथिगण उपस्थित थे।

कंदी ने कहा कि टाटा मोटर्स और एमआइटी एडीटी विश्वविद्यालय के बीच लंबे समय से सहयोग चला आ रहा है, जिसके तहत ईवी टेक्नोलॉजी में एमटेक पाठ्यक्रम की पहली बैच इस वर्ष सफलता पूर्वक पास हुई है। उन्होंने विश्वविद्यालय के सहयोग को इलेक्ट्रिक व्हीकल रिसर्च में अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।

उपसचिव गौरव जोशी ने भारत सरकार द्वारा ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी और कहा कि यह ईवी उत्कृष्टता केंद्र न केवल अनुसंधान में सहायता करेगा, बल्कि सरकारी योजनाओं को समाज तक पहुँचाने में भी अहम भूमिका निभाएगा।

विश्वशांति प्रार्थना के साथ शुरू हुए इस कार्यक्रम का संचालन प्रा. स्नेहा वाघटकर ने किया, जबकि आयोजन की सफलता में प्रा. विजयकुमार शेफ, प्रा. सतीश पाटील और प्रा. नेहा झोपे का विशेष योगदान रहा।

विशेष जानकारी –

भारत का पहला विश्वविद्यालय, जिसने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में डिग्री पाठ्यक्रम शुरू किए

एमआइटी एडीटी विश्वविद्यालय भारत का पहला ऐसा उच्च शिक्षण संस्थान है, जहां बी.टेक और एम.टेक इन इलेक्ट्रिक व्हीकल्स जैसे आधुनिक पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। यह विश्वविद्यालय वर्तमान में ई-मोबिलिटी क्षेत्र में अग्रणी स्थान रखता है और उद्योग तथा शिक्षा के बीच सेतु का कार्य कर रहा है.

इस नवस्थापित ई-मोबिलिटी उत्कृष्टता केंद्र के माध्यम से विद्यार्थियों को इलेक्ट्रिक वाहनों, बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम, चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर और ग्रीन टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में व्यवहारिक प्रशिक्षण मिलेगा। यह केंद्र नवाचार, स्टार्टअप्स और अनुसंधान के लिए नए अवसर प्रदान करेगा और महाराष्ट्र एवं देश के पर्यावरणीय और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। ऐसा विश्वास कार्यकारी संचालक प्रा. डॉ. सुनीता कराड ने अपने संबोधन में व्यक्त किया।

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