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हमारा लक्ष्य है, रोग से निरोग की ओर, और फिर आनंद की ओर_ माननीय केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव

NAM कॉन्क्लेव के पहले दिन राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के आयुष/स्वास्थ्य मंत्रियों की सक्रिय भागीदारी, आयुष सहयोग को सशक्त बनाने की दिशा में बढ़ा कदम

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वर्ष 2024 में 11.56 करोड़ लोगों ने आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आयुष) से लाभ प्राप्त किया_ माननीय केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव

नई दिल्ली/लोणावला. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा आयुष क्षेत्र में की गई प्रगति को उजागर करते हुए और प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, NAM कॉन्क्लेव 2025 का शुभारंभ आज कैवल्यधाम, लोणावला (महाराष्ट्र) में हुआ। यह कार्यक्रम पूरे देश में आयुष सेवाओं के विस्तार और समेकन की दिशा में भविष्य की रूपरेखा तैयार करने के लिए मंच प्रदान करता है।

कार्यक्रम का उद्घाटन माननीय श्री प्रतापराव जाधव, केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री द्वारा किया गया। उनके साथ विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आयुष/स्वास्थ्य मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें शामिल थे:

डॉ. प्रेमचंद बैरवा, उप मुख्यमंत्री एवं आयुष मंत्री, राजस्थान सरकार,श्री वाई. सत्य कुमार यादव, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा मंत्री, आंध्र प्रदेश सरकार, डॉ. दयाशंकर मिश्रा ‘दयालु’, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, उत्तर प्रदेश सरकार, श्री श्याम बिहारी जयसवाल, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा मंत्री, छत्तीसगढ़ सरकार,श्री यदविंदर गोमा, आयुष, युवा सेवाएं एवं खेल, और विधि मंत्री, हिमाचल प्रदेश सरकार,श्री जी.टी. धुंगेल, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और संस्कृति मंत्री, सिक्किम सरकार,श्रीमती पी लालरिनपुई, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, मिजोरम सरकार,आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित इस कॉन्क्लेव ने आयुष विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं, स्वास्थ्य पेशेवरों, शोधकर्ताओं और नवप्रवर्तकों को एक मंच पर लाया है। इसका उद्देश्य पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को मुख्यधारा की स्वास्थ्य सेवाओं में एकीकृत करना है—जिससे आम नागरिक के लिए स्वास्थ्य सेवाएँ अधिक सुलभ, सस्ती और प्रमाण आधारित बन सकें।

कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए माननीय केंद्रीय आयुष मंत्री ने कहा:

 

“यह उल्लेखनीय है कि मंत्रालय ने वर्ष 2023 में NAM कॉन्क्लेव आयोजित किया था, जहाँ विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के माननीय मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने NAM योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए बहुमूल्य सुझाव साझा किए। उस संवाद के परिणामस्वरूप एक कार्य योजना तैयार हुई, जिससे राष्ट्रीय आयुष मिशन के निष्पादन और परिणामों में सुधार हुआ। 12,500 आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आयुष) की स्थापना की पहल से स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे लाभार्थियों की संख्या 2021 में 1.5 करोड़ से बढ़कर 2025 में 11.5 करोड़ से अधिक हो गई है।”

 

“मैं आश्वस्त हूं कि राष्ट्रीय आयुष मिशन कॉन्क्लेव का यह दूसरा संस्करण राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्र सरकार को मिशन की प्रगति की समीक्षा, शासन प्रणाली को सशक्त करने, नवाचार को बढ़ावा देने, वित्तीय प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और जमीनी स्तर पर कार्यक्रमों के शीघ्र एवं प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक सशक्त मंच प्रदान करेगा। इस अवसर पर मैं केंद्र एवं राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों की समर्पित टीमों को मेरी शुभकामनाएं देता हूँ और कैवल्यधाम की समर्पित टीम को भी उनके अथक प्रयासों के लिए धन्यवाद देता हूँ।”

 

स्वागत भाषण में, आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा:

 

“2014 में ₹78 करोड़ के प्रारंभिक बजट के साथ शुरू हुआ राष्ट्रीय आयुष मिशन अब 2025–26 में ₹1275 करोड़ के आवंटन तक पहुँच चुका है—यह योजना की सफलता और आयुष स्वास्थ्य सेवा को मजबूत करने के भारत सरकार के संकल्प का प्रतीक है। आयुष प्रणालियों को उनकी समग्र दृष्टिकोण, व्यक्तिगत देखभाल, और वैश्विक रुचि के कारण लगातार पहचान मिल रही है। NSSO (2022–23) के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में 95% और शहरी क्षेत्रों में 96% भारतीय आयुष के बारे में जानते हैं, और लाखों लोग नियमित रूप से योग का अभ्यास करते हैं—जो विश्वास और स्वीकृति का प्रमाण है।”

 

उत्तर प्रदेश के आयुष मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्रा ने राज्य में आयुष क्षेत्र के विकास में NAM योजना की भूमिका को सराहा। उन्होंने बताया:

 

“उत्तर प्रदेश, जो विश्व का सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य है, में आयुष क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। वर्तमान में राज्य में 3,959 सक्रिय आयुष अस्पताल हैं, जो 4, 15, 25 और 30 बिस्तरों की सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं।”

 

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जयसवाल ने कहा:

 

“इंटीग्रेटेड मेडिसिन एक अर्थपूर्ण समाधान प्रस्तुत करती है, जो आयुष और आधुनिक चिकित्सा प्रणालियों का समन्वय करके रोगियों को दोहरा लाभ देती है।”

 

राजस्थान के उपमुख्यमंत्री श्री प्रेमचंद बैरवा ने कहा:

 

“माननीय केंद्रीय आयुष मंत्री श्री प्रतापराव जाधव, सचिव वैद्य राजेश कोटेचा और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से आयुर्वेद को जमीनी स्तर तक पहुँचाया जा रहा है। यह दो दिवसीय कॉन्क्लेव आयुर्वेद विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा। राज्य सरकार सभी आयुष प्रणालियों के समन्वित विकास हेतु समग्र आयुष नीति तैयार कर रही है।”

 

हिमाचल प्रदेश के आयुष मंत्री श्री यदविंदर गोमा ने कहा:

 

“राष्ट्रीय आयुष मिशन के समर्थन से हमने एक एकीकृत मॉडल विकसित किया है जो पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक तकनीक से जोड़ता है। यह ग्रामीण क्षेत्रों, महिला स्वास्थ्य, और पारदर्शिता पर केंद्रित है। यह प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘आयुष्मान भारत’ के दृष्टिकोण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।”

 

मिजोरम की स्वास्थ्य मंत्री श्रीमती पी लालरिनपुई ने कहा:

 

“हमारे आयुष वेलनेस सेंटर की स्थापना के बाद कुछ ही वर्षों में आयुष प्रणालियाँ लोकप्रिय हो गई हैं। यह प्रगति मंत्रालय के सतत सहयोग और हमारी समर्पित टीमों के प्रयासों का परिणाम है।”

 

सिक्किम के स्वास्थ्य मंत्री श्री जी.टी. धुंगेल ने कहा:

 

“NAM योजना के माध्यम से केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के समग्र वितरण के लिए एकीकृत स्वास्थ्य ढांचा विकसित हुआ है।”

 

संयुक्त सचिव, आयुष मंत्रालय, श्रीमती कविता गर्ग ने कॉन्क्लेव के प्रमुख विषयों को साझा करते हुए बताया:

 

“5.6 करोड़ लाभार्थियों ने आयुष तृतीयक देखभाल संस्थानों में सेवाएं प्राप्त की हैं। 1,372 आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स को NABH की एंट्री-लेवल प्रमाणन मिला है और 189 एकीकृत आयुष अस्पतालों की स्थापना हुई है—यह गुणवत्ता और पहुंच के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”

 

प्रमुख आकर्षण: उद्घाटन सत्र में “मेटाबोलिक विकारों पर आयुष प्रणाली में मानक उपचार दिशानिर्देश (STG)” का विमोचन माननीय मंत्री एवं गणमान्य व्यक्तियों द्वारा किया गया। इन STG को आयुष वर्टिकल ने विभिन्न अनुसंधान परिषदों के सहयोग से विकसित किया है। इसमें मधुमेह, मोटापा, गाउट, नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिज़ीज (NAFLD), और डिस्लिपिडेमिया जैसे पाँच प्रमुख विकारों को कवर किया गया है। ये दिशानिर्देश योग, रोग-विशिष्ट आहार, और मानकीकृत नैदानिक प्रक्रियाओं को सम्मिलित कर संपूर्ण संदर्भ प्रदान करते हैं।

 

उद्घाटन सत्र के पश्चात, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के आयुष/स्वास्थ्य मंत्रियों की गोलमेज चर्चा आयोजित हुई, जिसकी अध्यक्षता माननीय श्री प्रतापराव जाधव ने की। चर्चा में विभिन्न राज्यों द्वारा NAM गतिविधियों के क्रियान्वयन, चुनौतियों और भावी रणनीतियों पर विचार साझा किया गया।

 

कार्यक्रम में Y-Break सत्र भी आयोजित किया गया जिसमें मंत्रियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

 

राष्ट्रीय आयुष मिशन (NAM) के बारे में:

 

2014 में आरंभ हुआ राष्ट्रीय आयुष मिशन, भारत की पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को संरक्षित और प्रचारित करने तथा उन्हें मुख्यधारा के स्वास्थ्य तंत्र में एकीकृत करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह देशभर में आयुष स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, पहुँच और गुणवत्ता को बढ़ाने हेतु कार्य कर रहा है, और आयुष्मान भारत योजना के तहत आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आयुष) की स्थापना इसकी प्रमुख पहल है।

 

2023 में आयोजित NAM कॉन्क्लेव में कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जैसे आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स (अब AAM–Ayush) का विस्तार, आयुष सेवाओं का राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों से एकीकरण, और आयुष चिकित्सकों की क्षमता वृद्धि। 2025 संस्करण का उद्देश्य इन उपलब्धियों पर आगे बढ़ना है, जिसमें नवाचार, मानकीकरण, और अंतरराष्ट्रीय पहुंच पर विशेष बल रहेगा।

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