नाना पेठ में बिजली के खंभे से करंट लगने से मासूम बच्ची की मौत, महावितरण ने खुद को बताया जिम्मेदारी से बाहर

पुणे। पुणे के नाना पेठ क्षेत्र में स्थित डोके तालीम परिसर में रविवार (1 जून) को एक बेहद दुखद घटना घटी। एक सात वर्षीय मासूम बच्ची की करंट लगने से मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक अन्य बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया। यह दर्दनाक हादसा उस समय हुआ जब बच्चे गलियों में खेल रहे थे और पास ही लगे एक पथदिव्य (स्ट्रीट लाइट) के लोहे के खंभे के संपर्क में आ गए। खंभे में बिजली का करंट उतर आया था, जिससे बच्ची की जान चली गई।
स्थानीय नागरिकों के अनुसार, खंभे में पहले से ही करंट आने की आशंका थी, और इसकी सूचना नगर प्रशासन को कई बार दी गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। घटना के तुरंत बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया। घायल बच्चे को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
इस घटना के बाद नागरिकों में रोष फैल गया और कई लोगों ने जिम्मेदार विभागों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
इसी बीच, महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (महावितरण) ने इस घटना को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया है। महावितरण का कहना है कि जिस खंभे में करंट आया था, वह स्ट्रीट लाइट (पथदिव्य) का खंभा था, और इसकी विद्युत आपूर्ति, देखभाल एवं दुरुस्ती (मेंटेनेंस) की पूरी जिम्मेदारी पुणे महानगरपालिका (PMC) की है। अतः इस दुखद दुर्घटना के लिए महावितरण उत्तरदायी नहीं है।
महावितरण की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया है, “नाना पेठ परिसर में घटी इस घटना से हम अत्यंत दुखी हैं, लेकिन स्पष्ट करना चाहते हैं कि इस पथदिव्य की विद्युत व्यवस्था PMC के अधीन है। महावितरण का इस दुर्घटना से कोई संबंध नहीं है।”
अब नागरिकों की निगाहें पुणे महानगरपालिका की कार्रवाई पर टिकी हैं। सवाल यह भी उठ रहा है कि यदि पहले ही इस संबंध में शिकायतें की गई थीं तो उन पर समय रहते कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
इस दुर्घटना ने शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक सुरक्षा से जुड़ी लापरवाहियों को फिर एक बार उजागर कर दिया है। मृत बच्ची के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और पूरे क्षेत्र में शोक का माहौल व्याप्त है।
जिम्मेदारी तय होनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो — यह स्थानीय नागरिकों की स्पष्ट मांग है।