मनपा चुनाव को लेकर बड़ी खबर, राज्य सरकार ने प्रभाग रचना के दिए आदेश

पुणे. महाराष्ट्र में स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनावों को लेकर एक बड़ी और अहम खबर सामने आई है। राज्य सरकार ने महानगरपालिका, नगरपालिका और नगरपंचायतों के लिए प्रभाग रचना (वार्ड पुनर्रचना) के आदेश जारी किए हैं। नगरविकास विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, ‘अ’, ‘ब’ और ‘क’ श्रेणी की महानगरपालिकाओं के लिए प्रभाग रचना करने का आदेश जारी किया गया है।
प्रभाग रचना की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद राज्य में जल्द ही महापालिका चुनावों की तिथियां घोषित की जा सकती हैं। गौरतलब है कि राज्य में पिछले तीन से चार वर्षों से स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव लंबित हैं, और इस दौरान इन निकायों में प्रशासक नियुक्त किए गए हैं। लेकिन अब चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना मजबूत होती दिखाई दे रही है।
किन महानगरपालिकाओं में बदले जाएंगे प्रभाग?
राज्य की जिन प्रमुख महानगरपालिकाओं में प्रभाग रचना बदली जाएगी, उनमें पुणे, नागपूर, ठाणे, नाशिक, पिंपरी-चिंचवड, नवी मुंबई, वसई-विरार, छत्रपती संभाजीनगर, कल्याण-डोंबिवली, अमरावती, अहिल्यानगर, अकोला, कोल्हापूर, सोलापूर, सांगली-मिरज-कुपवाड, मिरा-भाईंदर, उल्हासनगर, भिवंडी, जलगाव, नांदेड-वाघाळा जैसे शहरों की महापालिकाएं शामिल हैं।
ड श्रेणी की महानगरपालिकाओं में कैसी होगी प्रभाग रचना?
‘ड’ श्रेणी की महापालिकाओं में संभवतः चार सदस्यीय प्रभाग बनाए जाएंगे। हालांकि तकनीकी कारणों या जनसंख्या संतुलन के अनुसार कुछ प्रभागों में तीन या पांच सदस्य भी हो सकते हैं। दो प्रभागों को मिलाकर तीन-तीन सदस्यीय प्रभाग भी बनाए जा सकते हैं।
इस श्रेणी में जिन महापालिकाओं का समावेश है, उनमें शामिल हैं –
अमरावती, अहिल्यानगर, अकोला, कोल्हापूर, सोलापूर, सांगली-मिरज-कुपवाड, मिरा-भाईंदर, उल्हासनगर, भिवंडी-निजामपूर, जळगाव, नांदेड, धुळे, मालेगाव, लातूर, चंद्रपूर, परभणी, पनवेल, इचलकरंजी, और जालना।
श्रेणियों के अनुसार महापालिकाओं का वर्गीकरण
अ श्रेणी महानगरपालिका – पुणे, नागपूर
ब श्रेणी महानगरपालिका – ठाणे, नाशिक, पिंपरी-चिंचवड
क श्रेणी महानगरपालिका – नवी मुंबई, वसई-विरार, छत्रपती संभाजीनगर, कल्याण-डोंबिवली
मुंबई में नहीं होगा बदलाव
मुंबई महानगरपालिका में प्रभाग रचना में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। यहां पर पूर्ववत 227 एकसदस्यीय प्रभागों के आधार पर ही चुनाव संपन्न होंगे।
राज्य सरकार के इस आदेश के साथ ही महाराष्ट्र में स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को पुनः सक्रिय करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। आगामी दिनों में चुनावी हलचल और तेज़ होने की उम्मीद है।