आपदा से निपटने के लिए एकजुट और जागरूक समाज की आवश्यकता – पुणे आयुक्त नवलकिशोर राम

पुणे। “प्राकृतिक बदलाव अपरिहार्य हैं, इसलिए आपदाएं भी अनिवार्य हैं। उनसे सबक लेकर मूलभूत उपाय करना आवश्यक है। इसके लिए एकजुट और जागरूक समाज की आवश्यकता है,” ऐसा प्रतिपादन पुणे महानगरपालिका आयुक्त नवलकिशोर राम ने किया। वे राष्ट्रीय सेवा भारती व सेवा भारती पश्चिम महाराष्ट्र द्वारा आयोजित ‘राष्ट्रीय सेवा साधना – आपदा प्रबंधन’ पुस्तक के प्रकाशन समारोह में बोल रहे थे।
कार्यक्रम में पिंपरी-चिंचवड आयुक्त शेखर सिंह, सोमय्या विद्यापीठ मुंबई के प्रो. डॉ. सतीश मोढ, सेवा भारती अध्यक्ष विजय काळे मंचासीन होते।
आयुक्त शेखर सिंह ने कहा, “आपदा के समय ग्रामीण क्षेत्र के लोग तात्कालिक सहायता के लिए आगे आते हैं, परंतु उन्हें प्रशिक्षण की आवश्यकता है। शहरी क्षेत्रों में जलभराव, असुरक्षित निर्माण और आपदा के समय बचाव की कमी प्रमुख समस्याएं हैं।”
प्रमुख वक्ता डॉ. सतीश मोढ ने कहा, “आपदा के समय सामान्य नागरिकों को जीवनरक्षा का ज्ञान नहीं होता, जिससे जान-माल की हानि होती है। यह स्थिति बदलनी चाहिए। शिक्षण में आपदा प्रबंधन को स्थान देना चाहिए।”
अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ डॉ. राजन गेंगजे ने कहा, “भारत में आपदा प्रबंधन का विचार प्राचीन काल से है। भगवान श्रीकृष्ण का गोवर्धन पर्वत उठाना, चाणक्य की नीति, सभी उदाहरण हैं। आज समाज को प्रशिक्षित करने का कार्य सेवा भारती कर रही है।”
कार्यक्रम में सेवा भारती के सचिव प्रदीप सबनीस, प्रांत सहकार्यवाह महेशराव करपे, सेवा प्रमुख शैलेंद्र बोरकर, कोषाध्यक्ष सुधीर जवळेकर सहित अनेक पदाधिकारी उपस्थित थे।