
पुणे । छत्रपती शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज, शाहू, फुले, आंबेडकर जैसे पुरोगामी विचारों पर चलने वाले और बहुजन-पिछड़े समाज के लिए संघर्षरत श्री प्रविणदादा गायकवाड पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए हमले की कांग्रेस ने तीव्र निंदा की है।
कांग्रेस प्रवक्ता गोपालदादा तिवारी ने कहा कि श्री छत्रपती संभाजी महाराज के नाम से कार्यरत संस्था का नेतृत्व कर रहे प्रविण गायकवाड ने कभी भी “छत्रपती” शब्द के प्रयोग पर आपत्ति नहीं जताई थी। हालांकि, एक तकनीकी अड़चन के कारण संस्था के नाम में बदलाव संभव नहीं था, जिसकी जानकारी संबंधित विभाग ने दी थी। इसके बावजूद, भाजपा युवा मोर्चा के पदाधिकारी और उनके साथियों द्वारा किया गया यह हमला बेहद निंदनीय है और यह राज्य में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को दर्शाता है।
तिवारी ने भाजपा नेताओं पर सवाल उठाते हुए पूछा कि जब अहिल्यानगर के छिंदम, कोरटकर, सोलापुरकर, राज्यपाल कोश्यारी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री और सुधांशु त्रिवेदी जैसे नेताओं ने छत्रपती शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज के चरित्र को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की थी, तब भाजपा युवा नेता मौन क्यों रहे?
उन्होंने यह भी कहा कि संतोष देशमुख, सोमनाथ सूर्यवंशी, बदलापुर चिमुरडी कांड, अक्षय शिंदे फर्जी एनकाउंटर जैसे मामलों में आज तक कोई ठोस कानूनी कार्रवाई नहीं हुई है। राज्य में कोयता गैंग का आतंक, ठाणे पुलिस स्टेशन में गोलीबारी, महिलाओं पर अत्याचार और अक्कलकोट की ताजा घटना दर्शाती है कि कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।
कांग्रेस ने मांग की है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तत्काल गृहमंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिए। तिवारी ने चेतावनी दी कि यदि हमलावरों पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो राज्य में कानून-व्यवस्था का संकट और गहरा सकता है।
उन्होंने महायुति सरकार के अन्य घटक दलों से भी अपील की कि अगर उनमें कानून और सामाजिक प्रतिष्ठा की थोड़ी भी चिंता है, तो वे फडणवीस से गृहमंत्री पद का इस्तीफा लें। अन्यथा भविष्य में ऐसी घटनाएं और बढ़ सकती हैं, इसका भी गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।