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‘क्लिनिक्स ऑन क्लाउड’ के हेल्थ एटीएम से 10 मिनट में 65 जांचें संभव

ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य सेवाओं मेंआएगी नई क्रांति

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क्लीनिक ऑन क्लाउड’ स्वास्थ्य एटीएम की अवधारणा के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाएँ जमीनी स्तर तक पहुँचेंगी

 

पुणे .देश की बढ़ती आबादी के साथ स्वास्थ्य सेवाएं जन-जन तक पहुंचाना एक बड़ी चुनौती बन गई है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए पुणे के उद्यमी दंपती अभय और मनश्री अग्रवाल ने ‘क्लिनिक्स ऑन क्लाउड’ नामक अभिनव पहल के तहत एक अत्याधुनिक हेल्थ एटीएम की शुरुआत की है।

इस हेल्थ एटीएम के माध्यम से अब ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को सिर्फ 10 मिनट में 65 से अधिक स्वास्थ्य जांचों की सुविधा मिल रही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित यह तकनीक न केवल त्वरित रिपोर्ट देती है, बल्कि दूरस्थ डॉक्टरों से टेलीमेडिसिन के माध्यम से तात्कालिक उपचार भी संभव बनाती है।

एक पत्रकार सम्मेलन में जानकारी देते हुए ‘क्लिनिक्स ऑन क्लाउड’ के संस्थापक और सीईओ अभय अग्रवाल ने बताया,

“ग्रामीण भारत में डॉक्टर तो हैं, लेकिन जांच सुविधाओं की भारी कमी है। रिपोर्ट में देरी के कारण समय पर उपचार नहीं हो पाता। इसी चुनौती का समाधान हमने हेल्थ एटीएम के रूप में प्रस्तुत किया है।”

सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक मनश्री अग्रवाल ने बताया कि यह मशीन बिना बिजली और इंटरनेट के भी काम कर सकती है। इसमें हृदय, मधुमेह, रक्तदाब, फेफड़े, किडनी, आंख, दांत, त्वचा सहित 19 प्राथमिक और प्रमुख जांचें की जा सकती हैं। इसके साथ ही डेंगू, मलेरिया, कोविड, एचआईवी, टायफॉइड, चिकनगुनिया जैसे रोगों की रैपिड टेस्टिंग भी संभव है।

जहां परंपरागत पॅथलॅब में इन जांचों पर ₹3500 से ₹4000 का खर्च आता है, वहीं हेल्थ एटीएम के जरिए ये सभी टेस्ट ₹500 से ₹1500 में किए जा सकते हैं।

डायनाब्लेज कंपनी के अजय ढुमणे ने बताया कि इन एटीएम को सरकारी व निजी अस्पतालों, दवाखानों, आशा वर्करों के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में आसानी से स्थापित किया जा सकता है। इन्हें भाड़े पर या ईएमआई पर लेकर स्वास्थ्य सेवाएं शुरू करना भी संभव है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं।

यह हेल्थ एटीएम ISO और CDSCO प्रमाणित उपकरणों से सुसज्जित है, जिससे जांचों की 95% से अधिक शुद्धता और मरीज की जानकारी की गोपनीयता सुनिश्चित होती है।

अग्रवाल ने बताया कि पैथोलॉजी लैब में कई जाँचें 3500 से 4000 रुपये में हो जाती हैं और वही जाँच एटीएम के ज़रिए 500 से 1500 रुपये में हो जाती है। इस विषय पर बोलते हुए उन्होंने आगे कहा, “यह स्वास्थ्य सुविधा एक सहायता केंद्र है जो बिना एटीएम, इंटरनेट आदि के काम करता है और यहाँ हृदय रोग, मधुमेह, रक्तचाप, हीमोग्लोबिन, एचबीएनसी, मानसिक स्वास्थ्य, फेफड़ों के विकार, नेत्र जाँच, कान, दाँत, त्वचा, किडनी आदि 19 प्राथमिक जाँचें उपलब्ध हैं। इसके अलावा, डेंगू, मलेरिया, कोविड, एचआईवी, टाइफाइड, चिकनगुनिया या अन्य बीमारियों के लिए भी त्वरित जाँच संभव है,”

मानश्री अग्रवाल ने बताया,इस एटीएम में इस्तेमाल की गई सभी प्रणालियाँ विश्वस्तरीय प्रमाणन के साथ डिज़ाइन की गई हैं और ISO और CDSCO द्वारा अनुमोदित हैं, जो मरीज़ों की जानकारी की सुरक्षा और विश्वसनीयता की गारंटी देता है। अजय धुमाणे ने बताया कि इस एटीएम का इस्तेमाल ग्रामीण इलाकों में सरकारी, निजी अस्पताल, क्लीनिक और आशा कार्यकर्ता कर सकते हैं। चूँकि इस मशीन को लीज़ या ईएमआई पर भी खरीदा जा सकता है, इसलिए इससे ग्रामीण इलाकों में रोज़गार सृजन को भी बढ़ावा मिल सकता है।

एक बार जाँच के नतीजे हाथ में आ जाने पर, ग्रामीण इलाकों के मरीज़ अपनी ज़रूरतों और पसंद के अनुसार शहर के डॉक्टरों को तुरंत मेल और व्हाट्सएप पर रिपोर्ट भेज सकते हैं। इस डिवाइस की टेलीमेडिसिन तकनीक के ज़रिए डॉक्टर से सीधे बात करके आगे का इलाज तुरंत शुरू करना आसान हो जाएगा। अजय धुमाणे ने बताया कि वर्तमान में भारत और 7 देशों के 150 से ज़्यादा शहरों में 3000 से ज़्यादा हेल्थ एटीएम चालू हैं और अब तक 80 लाख से ज़्यादा मरीज़ इसका इस्तेमाल कर चुके हैं।

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