“अस्पताल अग्निसुरक्षा और संरक्षण” विषय पर सेमिनार संपन्न
“इंडिया फायर एंड सिक्योरिटी यात्रा" का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न

पुणे. फायर एंड सिक्योरिटी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएसएआय) – पुणे विभाग और पुणे अग्निशमन दल के संयुक्त तत्वावधान में “इंडिया फायर एंड सिक्योरिटी यात्रा” के अंतर्गत “अस्पताल अग्निसुरक्षा और संरक्षण” विषय पर एक विशेष सेमिनार होटल टिप टॉप इंटरनेशनल, वाकड में संपन्न हुआ।
इस अवसर पर महाराष्ट्र अग्निशमन सेवा के निर्देशक संतोष वारीक मुख्य अतिथि थे और पीएमसी व पीएमआरडी के मुख्य अग्निशमन अधिकारी देवेंद्र पोटफोडे विशिष्ट अतिथि थे। अध्यक्षीय सदस्य पंकज धारकर, एफएसएआय सुरक्षा इंडेक्स के अध्यक्ष श्रीनिवास वल्लुरी- एफएसएआय के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पुणे विभाग की अध्यक्ष सुजल शाह, सचिव अजित यादव, ऋषिकेश मांजरेकर, अनुजा सावंत, मेजर प्रकाश कापडे, मनीष मोरे, डॉ. मीरा पी. शिराळकर तथा विभिन्न उद्योगों, व्यवसायों, आर्किटेक्ट्स, उत्पादकों और विक्रेताओं सहित 350 से अधिक प्रतिनिधि उपस्थित थे।
सेमिनार की शुरुआत में सुजल शाह ने स्वागत करते हुए कहा, “सुरक्षित भारत हमारा ध्येय है।” उन्होंने कहा, “अस्पतालों में आग बिजली, गलत प्रबंधन या अन्य कारणों से लग सकती है। इस प्रकार की आपदाओं में रोगियों को सुरक्षित स्थानांतरित करना, स्टाफ को प्रशिक्षण देना और स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन इस सेमिनार का मुख्य उद्देश्य है।”
एफएसएआय के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास वल्लुरी ने संगठन की जानकारी साझा की।
संतोष वारीक ने कहा, “रोगियों की सुरक्षा के लिए अस्पतालों में अग्निशमन उपकरणों की नियमित जांच आवश्यक है और स्टाफ को उचित प्रशिक्षण देना भी अनिवार्य है।”
देवेंद्र पोटफोडे ने कहा, “अस्पतालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उसमें स्थापित सुरक्षा प्रणालियों का नियमित परीक्षण जरूरी है, जिससे भविष्य में दुर्घटनाएं और जान-माल की हानि रोकी जा सके।”
मनीष मोरे (धुएं के प्रबंधन पर सिएफडी विश्लेषण द्वारा), श्रीनिवास वल्लुरी (स्वास्थ्य सेवा में विद्युत सुरक्षा और आग के जोखिम), मीरा शिरोळकर (इवैक्यूएशन पर अध्ययन), प्रकाश कापडे (अस्पताल में अग्नि और सुरक्षा ऑडिट), और अनुजा सावंत (सुरक्षित स्वास्थ्य सेवा – बिना डर के) ने अपने विचार साझा किए।
अस्पतालों को आग से सुरक्षित रखने और इससे जुड़ी चुनौतियों पर आधारित पैनल चर्चा का संचालन पंकज धारकर ने किया। इसमें विवेक देसाई, कर्नल रवी कुमार, अश्विन देशपांडे, तानिया फिलिप्स और सागर मुनीश्वर ने भाग लिया।
इस सेमिनार में भारत के विभिन्न भागों से विशेषज्ञों ने अपने विचार प्रस्तुत किए।
सेमिनार के समन्वयक सिंपल जैन, सरिता मोरे, तेजल भोंगले, शिवम देवघरे, सोनम पवार, सागर मुनीश्वर, गुरुप्रीत मोखा, मुफ्फदल लोखंडवाला, विनायक जोगळेकर, नारायण चौधरी, जयेश फुलपगारे, राहुल मुथा, दीपक द्राविक, शिका भारद्वाज, गौरव सिंघ और किशोर महेश रहे।