मराठी

पुणे में घूमना मुश्किल, उद्योग शहर से बाहर ले जाने की जरूरत – शरद पवार

Spread the love

पुणे। “सत्ता में रहते हुए पुणे में उद्योगों का विस्तार हुआ और विद्येचे माहेरघर के रूप में पहचान रखने वाले पुणे को ‘उद्योगनगरी’ की नवी पहचान मिली। पुणे और पिंपरी-चिंचवड वाहन निर्माण का प्रमुख केंद्र बने। लेकिन लगातार बढ़ते शहरीकरण के कारण आज पुणे में घूमना भी कठिन हो गया है। ऐसे में नए उद्योग शहर के बाहर स्थापित करने होंगे,” ऐसा स्पष्ट मत राष्ट्रवादी कांग्रेस शरदचंद्र पवार पार्टी के अध्यक्ष व वरिष्ठ नेता शरद पवार ने रविवार को व्यक्त किया।

वे सन्मित्र परिवार की दशकपूर्ति समारोह में बोल रहे थे। इस अवसर पर वरिष्ठ नेता उल्हास पवार, पूर्व मंत्री बाळासाहेब शिवरकर, अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. श्रीपाल सबनीस, विधायक चेतन तुपे, मगरपट्टा सिटी के प्रबंध निदेशक सतीश मगर, प्रवक्ता अंकुश काकडे, शहराध्यक्ष प्रशांत जगताप, संभाजी ब्रिगेड के प्रदेशाध्यक्ष प्रवीण गायकवाड, पूर्व विधायक जगन्नाथ शेवाळे, अशोक पवार और उद्योगपति दशरथ जाधव उपस्थित थे। कार्यक्रम का सूत्रसंचालन प्रा. नितीन लगड ने किया।

शरद पवार ने कहा, “आज पुणे में साइकिलों समेत 55 लाख निजी वाहन हैं। इसलिए यदि नए उद्योग शुरू करने हों तो उन्हें शहर के बाहर ही स्थापित करना आवश्यक है।”

उन्होंने यह भी याद दिलाया कि “पहले हडपसर समाजवादी और कांग्रेस विचारधारा का गढ़ था। अण्णासाहेब मगर और रामभाऊ तुपे राजनीतिक विरोधी होने के बावजूद व्यक्तिगत जीवन में गहरे मित्र थे।”

इस अवसर पर डॉ. श्रीपाल सबनीस ने कहा, “आज जब हर जगह मित्रता पर ग्रहण लग रहा है, सन्मित्र परिवार सच्ची दोस्ती को सहेजकर चल रहा है। सत्ता की राजनीति में मित्रता समाप्त हो रही है, लेकिन देश को ‘जियो और जीने दो’ के सिद्धांत की सख्त जरूरत है।”

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!