ताजा खबरपुणे

पुणे महानगर पालिका में ‘मोह’ का मायाजाल :

Spread the love

 

बदली के बावजूद अधिकारी फिर से नियुक्ति की जुगत में!

पुणे। राज्य सरकार द्वारा हाल ही में शहरी क्षेत्रों में वरिष्ठ अधिकारियों की बड़े पैमाने पर तबादले किए गए हैं, जिनमें पुणे महानगरपालिका के उपायुक्त स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं। लेकिन तबादले के बावजूद कुछ अधिकारियों को महापालिका का ‘मोह’ छोड़ना मुश्किल हो रहा है। ये अधिकारी अब पुनर्नियुक्ति के लिए फिर से सक्रिय हो गए हैं और इस प्रयास में राजनीतिक दबाव और आर्थिक लॉबिंग का सहारा लिया जा रहा है — ऐसी चर्चाएं तेज़ हो गई हैं।

सूत्रों के अनुसार, महापालिका के प्रमुख विभागों में अपनी वापसी सुनिश्चित करने के लिए कुछ अधिकारी ‘मुंबई दरबार’ में आर्थिक लेनदेन का सहारा ले रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस लॉबिंग में महापालिका के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों का गुप्त समर्थन भी उन्हें प्राप्त है। यहां तक कि बदली के बावजूद कुछ अधिकारी चौथे माले पर पुष्पगुच्छ लेकर फिर से दिखाई दिए, मानो वे अब भी ‘उपायुक्त’ ही हों!

पिछले कुछ वर्षों में पुणे महानगरपालिका में एक पैटर्न देखा गया है — एक बार बदली के बावजूद वही अधिकारी कुछ समय बाद वापस लौट आते हैं। इस ‘वापसी संस्कृति’ के पीछे राजनीतिक हस्तक्षेप और आर्थिक हितों की गहरी जड़ें होने की चर्चा तेज़ हो रही है।

गौरतलब है कि महापालिका चुनाव अब नज़दीक हैं। चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार, एक ही जिले में तीन वर्ष से अधिक कार्यरत अधिकारियों को बदली करना अनिवार्य है। इसके बावजूद कुछ अधिकारी पूरी निश्चिंतता से दोबारा नियुक्ति के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।

ऐसे समय में नव-नियुक्त आयुक्त नवल किशोर राम की भूमिका बेहद अहम मानी जा रही है। प्रधानमंत्री कार्यालय से सीधे पुणे महापालिका में आए आयुक्त नवल किशोर राम के दबाव में आने की संभावना कम ही बताई जा रही है। प्रशासनिक हलकों में इस बात पर निगाहें टिकी हैं कि वे इस लॉबिंग कल्चर के खिलाफ क्या रुख अपनाते हैं।

आगामी दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या महापालिका में पुरानी ‘वापसी परंपरा’ टूटेगी या फिर एक बार फिर ‘पुष्पगुच्छ संस्कृति’ विजयी होगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!