‘दगडूशेठ’ गणपति का भव्य रथ से आगमन
मध्यप्रदेश चित्रकूट के जगद्गुरु स्वामी घनश्यामाचार्य महाराज के हाथों प्राणप्रतिष्ठा

पुणे । “गणपति बप्पा मोरया… मंगलमूर्ति मोरया…” के गगनभेदी जयकारों के बीच श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई गणपति का भव्य आगमन रथयात्रा के रूप में हुआ। फूलों से सजे दिव्य रथ से निकलकर गणपति बप्पा की शोभायात्रा जय गणेश प्रांगण पहुंची, जहां पद्मनाभस्वामी मंदिर की प्रतिकृति में बप्पा को विराजमान कराया गया।
श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई सार्वजनिक गणपति ट्रस्ट और सुवर्णयुग तरुण मंडल द्वारा आयोजित इस 133वें वर्ष के उत्सव का शुभारंभ हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में हुआ। गणेश चतुर्थी के दिन प्रातः 11 बजकर 11 मिनट पर मध्यप्रदेश, चित्रकूट के अनंत श्री विभूषित जगद्गुरु श्री रामानुजाचार्य, झालरिया पीठाधीश्वर, श्री श्री 1008 परम पूज्य स्वामी घनश्यामाचार्य महाराज के करकमलों से प्राणप्रतिष्ठा संपन्न हुई।
इस अवसर पर ट्रस्ट अध्यक्ष सुनील रासने, उपाध्यक्ष डॉ. रामचंद्र (बालासाहेब) परांजपे, उपाध्यक्ष माणिक चव्हाण, कोषाध्यक्ष महेश सूर्यवंशी, सरचिटणीस एवं विधायक हेमंत रासने, सहचिटणीस अमोल केदारी, उत्सव प्रमुख अक्षय गोडसे सहित सुवर्णयुग तरुण मंडल के पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
मुख्य मंदिर से निकली शोभायात्रा अप्पा बलवंत चौक, शनिपार चौक और टिलक पुतला होते हुए मंडप तक पहुंची। इस अवसर पर देवळणकर बंधु चौघड़ा, गायकवाड बंधु सनई, दरबार बैंड, प्रभात बैंड, मयूर बैंड और गंधाक्ष ढोल-ताशा पथक की धुनों ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
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ऋषिपंचमी पर 35 हजार महिलाओं का सामूहिक अथर्वशीर्ष पाठ
गुरुवार, 28 अगस्त को प्रातः 6 बजे ऋषिपंचमी के अवसर पर 35 हजार महिलाएं सामूहिक रूप से अथर्वशीर्ष का पाठ करेंगी। इस दौरान सांसद सुनेत्रा पवार और पुणे विभाग की धर्मादाय सहआयुक्त रजनी क्षीरसागर सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहेंगे।
रात 10 से 12 बजे तक ‘हरी जागर’ कार्यक्रम के अंतर्गत महाराष्ट्र के वारकरी भजन-कीर्तन और गजर के माध्यम से भक्ति संध्या का आयोजन करेंगे। उत्सव के दौरान सूर्यनमस्कार, अग्निहोत्र, वेदपाठ, महिला हळदीकुंकू जैसे विविध धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।
प्रतिदिन प्रातः 5 बजे महाअभिषेक पूजा संपन्न होगी। सुबह 8 से दोपहर 12 बजे तक विद्वान पंडित मिलिंद राहुरकर शास्त्री तथा दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक नटराज शास्त्री के मार्गदर्शन में गणेश यज्ञ संपन्न होगा। श्रद्धालुओं को प्रतिदिन सुबह 5 से शाम 5 बजे तक स्वयं भगवान गणपति का अभिषेक करने का अवसर मिलेगा।