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एक रूपए में गणेश मूर्ति वितरण उपक्रम – “विघ्नहर्ता-बुद्धिदाता” अमूल्य प्रतीक..!

"मूर्तिमय देवत्व से अधिक समाज को मूर्तिसाक्षी विवेक की आवश्यकता है।" – कांग्रेस नेता गोपालदादा तिवारी

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पुणे। श्री गणेश देवता विघ्नहर्ता और बुद्धिदाता के अमूल्य प्रतीक हैं। गणेश मूर्ति का मूल्य लगाया नहीं जा सकता, यह इस उपक्रम से स्पष्ट होता है। मूर्तिमय देवत्व से अधिक, समाज को मूर्तिवान आत्म और नैतिक विवेक की आवश्यकता है, ऐसा प्रतिपादन कांग्रेस नेता एवं वरिष्ठ प्रवक्ता गोपालदादा तिवारी ने किया।

नवी पेठ स्थित युवक कांग्रेस पदाधिकारी ‘कुणाल काले मित्र परिवार’ की ओर से सिर्फ ₹1 देकर गणेश मूर्ति वितरण के उपक्रम के अवसर पर श्री तिवारी ने अपने विचार व्यक्त किए।

उन्होंने आगे कहा कि, “देव और धर्म के प्रति आत्मीयता, विश्वास और श्रद्धा रखते समय अन्य धर्मों के प्रति द्वेष नहीं होना चाहिए। देश की स्वतंत्रता के लिए लोकमान्य तिलक और भाऊ रंगारी ने सार्वजनिक गणेशोत्सव की शुरुआत की थी, ताकि स्वतंत्रता प्रेमी नागरिकों का संगठन, प्रबोधन और आंदोलन खड़ा हो सके। उसी प्रेरणा से विभिन्न धर्मों के राष्ट्रीय नेता आगे आए, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के लिए योगदान, बलिदान और अपना जीवन समर्पित किया। इसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता, यह हमारे प्रजातांत्रिक भारत की वास्तविकता है।”

इस अवसर पर संयोजक एवं शहर युवक कांग्रेस उपाध्यक्ष कुणाल सुरेश काले ने उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि इस उपक्रम को शुरू हुए 3 वर्ष हो चुके हैं और अब तक लगभग 450 परिवार श्री गणेश मूर्ति यहाँ से लेकर गए हैं।

इस उपक्रम में कांग्रेस नेता मोहनदादा जोशी, गोपालदादा तिवारी, राकाँ (शरद पवार) के डॉ. मदन कोठुळे, अनंत घरत, इंटक अध्यक्ष चेतन अग्रवाल, युवक कांग्रेस अध्यक्ष सौरभ अमराळे, हेमंत राजभोज, सागर धाडवे, अक्षय माने, सोनिया ओव्हल, प्रवीण करपे, गोरख पळसकर, राजू नाणेकर, निलेश वैराट, मोहन शेडगे सर आदि ने उपस्थिति दर्ज की।

साथ ही इस अवसर पर सुरेश काका काळे, सुनील विधाते, राजू पोटे, सुपेकर बंधु, थोपटे सहित अनेक गणमान्य उपस्थित थे।

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