
वेसावर आर्ट गैलरी में लेखक और कलाकार सायकत बक्सी की संकल्पनात्मक कला प्रदर्शनी ‘ट्रैप्ड’ आयोजित की गई है, जो 9 सितंबर 2025 तक दर्शकों के लिए खुली रहेगी। बीते 15 वर्षों में रची गई इन कृतियों में कलाकार ने मानवीय अस्तित्व की गुत्थियों को गहराई से प्रस्तुत किया है।
बक्सी का मानना है कि कलाकार को कैनवास के सामने खड़े रहने से ज्यादा समय जीवन जीने में लगाना चाहिए, क्योंकि वास्तविक रचनात्मकता जीवन की जीत और हार से ही जन्म लेती है। उनकी कलाकृतियाँ दिखाती हैं कि इंसान इच्छा, लोभ, भय, दुःख और महत्वाकांक्षा के जाल में फँसा हुआ है। वे मानवता की तुलना एक रेलगाड़ी के उन यात्रियों से करते हैं जो बर्बादी की ओर दौड़ती ट्रेन से कूदने से डरते हैं, क्योंकि चोट लगने का भय उन्हें बाँधे रखता है।
इस संग्रह में आदतों, परंपराओं और आरामदेह सीमाओं में कैद इंसानी जीवन की घुटन साफ झलकती है। हर चित्र में बक्सी ने कपट, दिखावे और झूठ के नकाब को उधेड़ा है।
छह उपन्यास और एक कविता-संग्रह के बेस्टसेलिंग लेखक बक्सी अपने लोकप्रिय पॉडकास्ट आर्ट बियॉन्ड कैनवास में कला इतिहास के अनोखे पहलुओं पर चर्चा करते हैं। उनकी चित्रशैली गंभीर और गहन है, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती है और आसानी से भुलाई नहीं जा सकती।
‘ट्रैप्ड’ प्रदर्शनी कला-प्रेमियों को असहज करने वाला किंतु यादगार अनुभव देती है—एक ऐसा अनुभव जो सच को मीठा बनाकर प्रस्तुत नहीं करता।