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सेंट फ्रांसिस ऑफ असिसी और पूजनीय साधु वासवानी की शिक्षाओं को याद करते हुए पशु-दिवस पर बच्चों ने दी करुणा की पुकार

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पुणे,विश्व पशु दिवस के अवसर पर साधु वासवानी ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन्स के बच्चों ने “जियो और जीने दो”, “स्टॉप ऑल किलिंग”, और “शूट विद कैमरा, नॉट विद गन्स” जैसे नारों के साथ पुणे में करुणा का संदेश फैलाया।

३ अक्टूबर को सेंट मीरा प्राइमरी स्कूल के छात्रों ने पुणे रेलवे स्टेशन, आगा खान पैलेस, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक और साधु वासवानी चौक जैसे प्रमुख स्थानों पर रैली निकाली। हाथों में बनायी हुई प्लेकार्ड और उत्साह से भरे बच्चों ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया। उनकी ऊर्जा ने राहगीरों, पर्यटकों और सैन्य अधिकारियों को भी प्रेरित किया। कई लोगों ने २५ नवंबर — पूजनीय साधु वासवानी की जयंती — को मीटलैस डे मनाने का संकल्प लिया। इस अभियान के प्रतीक स्वरूप बच्चों और उपस्थित लोगों को बैंड,    बैजेस और ईको-फ्रेंडली बैग वितरित किए गए।

४ अक्टूबर को, सेंट मीरा सेकेंडरी स्कूल, साधु वासवानी गुरुकुल, मांजरी और साधु वासवानी इंटरनेशनल स्कूल, प्राधिकरण के छात्रों ने अपने स्थानीय क्षेत्रों में अभियान जारी रखा। पशु-थीम वाले मास्क और हेडबैंड पहनकर उन्होंने अपने प्लेकार्ड और नारों के जरिए लोगों को याद दिलाया कि करुणा की शुरुआत रोज़मर्रा के छोटे-छोटे निर्णयों से होती है।

बच्चों ने यह साबित किया कि नन्हें कदम भी बड़े संदेश दे सकते हैं। सेंट फ्रांसिस ऑफ असिसी और पूजनीय साधु वासवानी की करुणा-प्रेरणा हर उम्र में समाज में बदलाव लाने की क्षमता रखती है। इस अभियान ने शहर को जीवंत करुणा और जिम्मेदारी का संदेश देने वाला बना दिया।

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