शहरी विकास बनेगा विकास का इंजन – मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
महानगरपालिका आयुक्तों और नगरपरिषद अधिकारियों की कार्यशाला में मुख्यमंत्री ने रखा शहरी विकास का विज़न

पुणे .महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शहरी विकास को विकास का “ग्रोथ इंजन” मानते हुए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। बीते दस वर्षों में शहरीकरण को गति देने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश किया गया है। यदि शहरों में नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं देने वाली योजनाएं प्रभावी रूप से लागू की जाएं, तो राज्य सरकार स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं को हरसंभव सहायता प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री श्री फडणवीस पुणे स्थित यशदा संस्थान में नगरविकास विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यशाला में राज्यभर के महानगरपालिका आयुक्त और नगरपरिषदों के मुख्याधिकारी शामिल हुए। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री एवं नगरविकास मंत्री एकनाथ शिंदे, राज्य मंत्री माधुरी मिसाळ, अतिरिक्त मुख्य सचिव असीमकुमार गुप्ता और प्रधान सचिव डॉ. के. एच. गोविंदराज भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की 6 करोड़ से अधिक आबादी 450 शहरों में निवास करती है। यदि इन शहरों को सुंदर और सुव्यवस्थित बनाया जाए, तो 50% जनता का जीवनस्तर बेहतर हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं पर प्राथमिकता से कार्य करना होगा। खासकर गरीब बच्चों को बेहतर शिक्षा और नागरिकों को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए केंद्र और राज्य की योजनाओं को ज़मीनी स्तर तक पहुंचाना जरूरी है।
पानी, सीवरेज और तकनीक आधारित व्यवस्था पर फोकस
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल आपूर्ति और सांडपानी प्रबंधन की परियोजनाओं को समयबद्ध पूरा किया जाना चाहिए। इसके लिए नियमित समीक्षा और बाधाओं को दूर करना आवश्यक है। जल वितरण के लिए मीटर प्रणाली लागू करने और पारदर्शिता बनाए रखने का भी उन्होंने सुझाव दिया।
शहरों की अर्थव्यवस्था को मिले बढ़ावा
फडणवीस ने कहा कि शहरी निकायों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना होगा। इसके लिए कर संग्रहण में पारदर्शिता और नवाचार की आवश्यकता है। उन्होंने निजी क्षेत्र से निवेश आकर्षित करने के लिए ठोस योजनाओं पर ज़ोर दिया, जिससे शहरों का सतत विकास संभव हो सके।
150 दिवसीय कार्यक्रम की घोषणा
मुख्यमंत्री ने बताया कि 100 दिवसीय कार्ययोजना के सकारात्मक परिणाम मिले हैं। अब 150 दिनों की नई योजना के अंतर्गत ई-गवर्नेंस, मानव संसाधन विकास, डिजिटल निगरानी प्रणाली और प्रशासनिक दक्षता को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि तकनीक का उपयोग कर गुणवत्ता पूर्ण विकास सुनिश्चित किया जा सकता है, जिससे ‘विकसित महाराष्ट्र 2047’ की दिशा में ठोस प्रगति होगी।
उपमुख्यमंत्री शिंदे का संकल्प: हर शहर बने सुंदर और योजनाबद्ध
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि शहरी विकास में महानगरपालिकाओं और नगरपरिषदों की अहम भूमिका है। शहरीकरण की तेज़ गति के मद्देनज़र नागरिकों को सुविधाएं देना प्रशासन की ज़िम्मेदारी है। उन्होंने स्मार्ट प्रशासन, समूह विकास और अतिक्रमण मुक्त शहरों की आवश्यकता पर बल दिया।
राज्यमंत्री माधुरी मिसाळ का आह्वान
राज्यमंत्री श्रीमती माधुरी मिसाळ ने बेकायदेशीर निर्माणों पर लगाम लगाने और शहरी सौंदर्यीकरण के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी योजनाओं को मजबूती से लागू कर जनता को हक़ का घर देना प्राथमिकता होनी चाहिए।
अधिकारियों का मत
अतिरिक्त मुख्य सचिव असीमकुमार गुप्ता ने ई-गवर्नेंस और वित्तीय स्रोतों के विस्तार पर ज़ोर दिया, जबकि प्रधान सचिव डॉ. गोविंदराज ने कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि इसमें गुणवत्तापूर्ण सेवाएं, तकनीकी उपयोग और विकास की गति बढ़ाने पर विशेष चर्चा की गई।