पुणे में आयोजित Project S.O.R.T. Phase II के समापन एवं सम्मान समारोह

पुणे. IPCA के द्वारा स्वर्ण लता मदरसन ट्रस्ट के CSR पहल के अंतर्गत संचालित Project S.O.R.T. (Segregation of Waste for Recycling and Treatment) के Phase II का समापन एवं सम्मान समारोह सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। यह परियोजना सोसायटी स्तर पर घरों से निकलने वाले कचरे को अलग करने और उसके उचित प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही है। इस पहल के अंतर्गत गीले कचरे से खाद बनाया जाता है, जिससे डंप यार्ड पर कचरे का भार कम किया जा सके। इस परियोजना का क्रियान्वयन इंडियन पॉल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन (IPCA) द्वारा किया जाता है, जो एक गैर-लाभकारी संगठन है और पूरे भारत में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में कार्यरत है।
पिछले दो वर्षों में Swarn Lata Motherson Trust (SLMTT) के सहयोग से IPCA ने पुणे में चरणबद्ध तरीके से सोसाइटियों में Project S.O.R.T. को लागू किया है। इस पहल के तहत अब तक 4,40,104 किलोग्राम गीले कचरे का उपचार कर 49,770 किलोग्राम खाद का उत्पादन किया जा चुका है।
समारोह में श्री अंकुश जीते, सहायक स्वास्थ्य अधिकारी, जोन-एच, पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका , राजू साबले, सहायक स्वास्थ्य अधिकारी, जोन-ए, पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका , किरण वडागमे, मुख्य प्रवर्तक, प्रिंपरी-चिंचवाड़ हाउसिंग सोसाइटी फेडरेशन की विशिष्ट उपस्थिति रही, जिन्होंने शहरी क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ट चुनौतियों से निपटने में सहयोगात्मक प्रयासों के महत्व पर प्रकाश डाला।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री अजिंक्य एले , ज़ोनल अधिकारी, ज़ोन- C, पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका थे, जिन्होंने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि “Source Segregation” और “Waste Management” की दिशा में यह एक सराहनीय कदम है। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण कला साम्राज्य, पुणे द्वारा अपशिष्ट प्रबंधन और पृथक्करण विषय पर एक नाट्य प्रस्तुति ‘क्या फर्क पड़ता है’ थी। सराहना के प्रतीक के रूप में, सोसाइटियों को उनके निरंतर समर्थन और प्रतिबद्धता के लिए प्रशंसा प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। साथ ही, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली सोसायटियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया और पर्यावरण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की सराहना की गई।
आईपीसीए की उप निदेशक डॉ. राधा गोयल ने कहा, “पुणे में Project S.O.R.T की सफलता नवाचार और समुदाय-संचालित पहल की शक्ति को दर्शाती है। जैविक कचरे को मूल्यवान खाद में बदलने से लैंडफिल पर निर्भरता कम होती है और स्वस्थ वातावरण के लिए संसाधन बनते हैं। हम पिंपरी-चिंचवाड़ नगर निगम और आवासीय सोसायटियों के प्रति आभारी हैं जिन्होंने परियोजना के दौरान निरंतर सहयोग दिया।
इस परियोजना को पहली बार 2018 में दिल्ली-एनसीआर में लागू किया गया। इस परियोजना का उद्देश्य कचरे को स्रोत पर ही अलग करना और गीले कचरे का अधिकतम पुनर्प्रयोग करके खाद तैयार करना है। इस परियोजना के तहत एरोबिन्स (Aerobins) की स्थापना की जाती है, जो बिना किसी ऊर्जा स्रोत के कार्य करती हैं और प्राकृतिक रूप से 40-45 दिनों के भीतर खाद का उत्पादन करती हैं। इस पहल के तहत सतत जागरूकता अभियान, प्रशिक्षण सत्र, और स्टेकहोल्डर्स की क्षमता वृद्धि जैसी गतिविधियां चलाई जाती हैं, जिससे समाज में एक सकारात्मक बदलाव आया है और कचरा पृथक्करण की दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
आगामी भविष्य में Swarn Lata Motherson Trust एवं IPCA का उद्देश्य इस परियोजना को और अधिक विस्तार देना है ताकि कचरा प्रबंधन को प्रभावी बनाया जा सके और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया जा सके।
IPCA के बारे में: IPCA एक गैर-सरकारी संगठन है जो 2001 से कूड़ा प्रबंधन, वायु गुणवत्ता निगरानी, पर्यावरण शिक्षा और जागरूकता के क्षेत्र में काम कर रहा है। स्वर्ण लता मदरसन ट्रस्ट के तत्वावधान में, आईपीसीए ने पूरे भारत और पुणे में सफल परियोजनाओं को लागू किया है, जिससे समुदायों को कूड़ा पृथक्करण और उपचार समाधान अपनाने के लिए सशक्त बनाया गया है।