पायदान पर यात्रा करने वालों के खिलाफ पुणे मंडल में सख्ती
रेलवे अधिनियम की धारा 156 के अंतर्गत 105 यात्रियों पर कार्रवाई

पुणे. यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए, पुणे मंडल, मध्य रेल द्वारा पायदान और सीढ़ियों पर यात्रा करने जैसी खतरनाक प्रवृत्तियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की गई है। भारतीय रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 156 के अनुसार, ट्रेन की छत, इंजन, पायदान या सीढ़ियों पर यात्रा करना निषिद्ध है, और चेतावनी के बावजूद ऐसा करने पर तीन माह तक का कारावास, ₹500 तक का जुर्माना या दोनों सजा का प्रावधान है।
दिनांक 9 जून 2025 को मुंबई में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना, जिसमें कुछ यात्रियों की पायदान पर यात्रा के दौरान मृत्यु हो गई थी, के पश्चात इस दिशा में सख्त कदम उठाए गए हैं। पुणे मंडल द्वारा 11 जून से 25 जून 2025 तक विशेष सघन प्रवर्तन अभियान चलाया गया, जिसमें सभी आरपीएफ पोस्टों की सहभागिता रही।
इस अभियान के दौरान 105 यात्रियों को पायदान अथवा सीढ़ियों पर यात्रा करते हुए पकड़ा गया। इन सभी के विरुद्ध रेलवे अधिनियम की धारा 156 के अंतर्गत कानूनी कार्रवाई की गई तथा उन्हें न्यायालय में प्रस्तुत किया जा रहा है। साथ ही, आवश्यकतानुसार ऐसे यात्रियों को रेलवे परिसर से हटाने की कार्रवाई भी की गई।
पुणे मंडल प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यात्रियों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। भविष्य में भी इस प्रकार के प्रवर्तन अभियान निरंतर जारी रहेंगे। मंडल प्रशासन ने सभी यात्रियों से अपील की है कि वे इस प्रकार की असुरक्षित यात्रा से बचें और रेलवे नियमों का पालन कर सुरक्षित और व्यवस्थित यात्रा में सहयोग करें।