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मालेगांव बम विस्फोट मामले में फडणवीस की प्रतिक्रिया; बोले – “कांग्रेस को पूरे हिंदू समाज से माफी माँगनी चाहिए…”

मालेगांव बम विस्फोट मामले के फैसले के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की प्रतिक्रिया सामने आई है

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2008 में मालेगांव में हुए बम धमाकों से संबंधित मामले में अदालत ने गुरुवार को फैसला सुनाया। इस मामले में भाजपा की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, कर्नल पुरोहित समेत सातों आरोपियों को निर्दोष करार देकर बरी कर दिया गया है। इस फैसले के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तत्कालीन कांग्रेस-नीत यूपीए सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि **“कांग्रेस को पूरे हिंदू समाज से माफी माँगनी चाहिए।”**

*देवेंद्र फडणवीस ने क्या कहा?

“कांग्रेस-नीत यूपीए सरकार ने ‘हिंदू आतंकवाद’ और ‘भगवा आतंकवाद’ का नैरेटिव बनाने की कोशिश की थी। चुनाव में अल्पसंख्यकों को खुश करने के लिए यह प्रचार किया गया था कि देश में भगवा आतंकवाद है। आज यह पूरी तरह साफ हो गया है कि वह प्रचार पूरी तरह झूठा था। कांग्रेस ने जिस तरह से षड्यंत्र करके भगवा आतंकवाद को बढ़ावा देने की कोशिश की, वह कोशिश अदालत ने सबूतों के आधार पर झूठी साबित की है,” फडणवीस ने कहा।

उन्होंने आगे कहा, **“सच तो यह है कि मालेगांव बम विस्फोट मामले में जिन पर कार्रवाई की गई थी, उनके लिए कांग्रेस को माफी माँगनी चाहिए। इतना ही नहीं, जिस तरह से पूरे हिंदू समाज को आतंकवादी बताने का प्रयास हुआ, उसके लिए भी कांग्रेस को पूरे हिंदू समाज से सार्वजनिक रूप से माफी माँगनी चाहिए।”**

‘ये बम विस्फोट किसने किया? ये…’

फडणवीस ने कहा, “ये बम विस्फोट किसने किया? ये पुलिस बताएगी। साथ ही उस समय की जांच एजेंसियों ने कैसे जांच की, यह भी सवाल उठाया जाना चाहिए। अब सभी को पता है कि उद्धव ठाकरे आज जिनके साथ बैठे हैं, वही कांग्रेस उस वक्त सत्ता में थी। उसी कांग्रेस सरकार के पुलिस अधिकारियों ने यह सब किया था। भगवा आतंकवाद का नैरेटिव फैलाने की कोशिश नाकाम हो चुकी है। ऐसे में उद्धव ठाकरे को इस निर्णय का स्वागत करना चाहिए था। लेकिन अब वो भी अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की राजनीति में शामिल हो चुके हैं, इसलिए वे ऐसा नहीं करेंगे।”

उन्होंने यह भी कहा, “अब हम मालेगांव बम विस्फोट के फैसले की विस्तृत जानकारी देखेंगे। अदालत ने क्या कहा, वह हम देखेंगे। लेकिन अब तक जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक यह सब एक राजनीतिक षड्यंत्र था, जिसे यूपीए सरकार ने तैयार किया था। उस षड्यंत्र को पूरा करने के लिए पुलिस पर दबाव डाला गया था,” ऐसा आरोप भी फडणवीस ने लगाया।

*”आतंकवाद भगवा न कभी था, ना है, ना कभी रहेगा!”*
17 साल बाद फैसला**

29 सितंबर 2008 को मालेगांव में हुए बम धमाकों के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कानून के अंतर्गत विशेष अदालत ने गुरुवार को फैसला सुनाया। विशेष अदालत के न्यायाधीश ए. के. लाहोटी ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, ले. कर्नल प्रसाद पुरोहित, मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त), अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी को **सबूतों के अभाव** में बरी कर दिया।

अदालत ने फैसले में क्या कहा?

“बम विस्फोट हुआ था, लेकिन यह साबित नहीं हो सका कि वह मोटरसाइकिल में हुआ था। यह भी सिद्ध नहीं हो पाया कि आरडीएक्स कर्नल पुरोहित लाए थे। उनके खिलाफ आरोप साबित नहीं हुए। विस्फोट स्थल से कोई वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्र नहीं किया गया। साध्वी प्रज्ञा की मोटरसाइकिल से विस्फोट होने का आरोप था, लेकिन यह साबित नहीं हुआ कि वह मोटरसाइकिल उनकी ही थी।” — अदालत ने सभी आरोपियों को रिहा करते हुए यह कहा।

 

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