
पुणे। लोकमान्य नगर पुनर्विकास प्रक्रिया फिलहाल थमती नज़र आ रही है, जिससे यहाँ रहने वाले 803 परिवारों की चिंता बढ़ गई है। इस विषय पर पुणे लोकमान्य नगर बचाओ कृति समिति की ओर से नागरिकों ने एकत्रित होकर शांतिपूर्ण आंदोलन किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे।
जानकारी के अनुसार, पुनर्विकास की प्रक्रिया कई वर्षों से प्रगति पर थी। लेकिन हाल ही में इस पर अस्थायी रोक लगने से नागरिकों की उम्मीदें अधर में लटक गई हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि मौजूदा स्थिति में अनियमित जलापूर्ति, जर्जर इमारतें और खराब जल निकासी जैसी समस्याओं से उन्हें रोज़ाना जूझना पड़ रहा है। समिति की ओर से बताया गया कि इस विषय पर संबंधित अधिकारियों और मुख्यमंत्री कार्यालय से संपर्क किया गया है।
लोकमान्य नगर में 1960 से 1964 के बीच 53 इमारतें बनाई गई थीं। वर्तमान में इन इमारतों की स्थिति जर्जर हो चुकी है। कई जगहों पर सीमेंट का प्लास्टर गिर गया है, स्लैब में लीकेज हो रही है और दीवारों में दरारें दिखाई दे रही हैं। कुछ इमारतें ढलान पर झुकती हुई भी नज़र आ रही हैं।
पुनर्विकास के अंतर्गत कई सोसायटियाँ बिल्डरों से समझौता कर चुकी हैं और आवश्यक कागदपत्र भी संबंधित प्राधिकरण के पास जमा किए गए हैं। कुछ प्रकल्पों को अनुमति भी मिली है, जबकि कुछ का काम अंतिम चरण में है। समिति का कहना है कि पुनर्विकास पर लगी रोक हटाकर कार्य को आगे बढ़ाया जाए, ताकि निवासियों को सुरक्षित और आधुनिक घर उपलब्ध हो सकें।
समिति ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि स्थिति में शीघ्र सकारात्मक बदलाव नहीं हुआ तो आंदोलन आगे भी जारी रहेगा।