
पुणे। 37वें पुणे फेस्टिवल का भव्य शुभारंभ पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री सुशीलकुमार शिंदे के प्रमुख उपस्थिति में श्री गणेश कला क्रीड़ा रंगमंच, स्वारगेट में संपन्न हुआ। इस अवसर पर शिंदे ने कहा कि पुणे फेस्टिवल सर्वधर्म समभाव का प्रतीक है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की कला, संस्कृति, खेल और पर्यटन को यह मंच प्रारंभ से स्थान दे रहा है। इस फेस्टिवल को व्यापक स्वरूप देने का श्रेय पूर्व सांसद सुरेश कलमाडी को है।
पुरस्कार वितरण और विशेष सम्मान
इस अवसर पर भारती विद्यापीठ के कुलपति डॉ. शिवाजीराव कदम और अजिंठा इनामदार विद्यापीठ के कुलपति डॉ. पी. ए. इनामदार को जीवनगौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इनामदार की ओर से उनकी पत्नी आबेदा इनामदार ने यह सम्मान स्वीकार किया।
इसके अलावा पुणे फेस्टिवल अवार्ड अभिनेत्री अमृता खानविलकर, नाटककार डॉ. सतीश आलेकर, क्रिकेटर केदार जाधव, ‘महाराष्ट्र केसरी’ पृथ्वीराज मोहोल, माउली कृषी पर्यटन केंद्र के ज्ञानदेव कामठे और उद्यमी सुप्रिया बडवे को प्रदान किए गए।
सार्वजनिक गणेशोत्सव की शताब्दी के उपलक्ष्य में जय गणेश पुरस्कार रास्ता पेठेतील नायडू गणपती मंडल को दिया गया।
उद्घाटन समारोह की झलकियां
कार्यक्रम की शुरुआत ज्येष्ठ सनई वादक तुकाराम दैठणकर के सुमधुर सनईवादन से हुई। मान्यवरों के हस्ते दीपप्रज्वलन और श्री गणेश आरती संपन्न हुई। भरतनाट्यम नृत्यांगना अरुंधती पटवर्धन की गणेश वंदना, सिम्बायोसिस के विदेशी छात्रों द्वारा प्रस्तुत ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ नृत्य, महाराष्ट्र मंडल के युवा कलाकारों की मल्लखांब प्रस्तुति तथा सिक्किम और आसाम के लोकनृत्य विशेष आकर्षण का केंद्र रहे।
पुणे मल्याळी फेडरेशन द्वारा प्रस्तुत ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ और आदिवासी संस्थान की ‘तारपा’ लोकनृत्य प्रस्तुति को भी दर्शकों ने खूब सराहा।
विशेष उपस्थिति
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद प्रो. मेधा कुलकर्णी, महाराष्ट्र की राज्यमंत्री माधुरी मिसाल, सांसद श्रीरंग बारणे, पुणे फेस्टिवल उपाध्यक्ष कृष्णकुमार गोयल, अभय छाजेड, डा. सतीश देसाई, माजी मंत्री रमेश बागवे सहित अनेक मान्यवर और विदेशी छात्र उपस्थित थे।
फेस्टिवल 27 अगस्त से 6 सितंबर तक चलेगा, जिसमें कला, साहित्य, संगीत, नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला से पुणेकरों को सांस्कृतिक मेजवानी मिलेगी।