
पुणे। पुणे जिले के 19,195 बिजली उपभोक्ताओं ने ‘प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना’ का लाभ लिया है। इस योजना को हर नागरिक तक पहुँचाने के लिए महावितरण ने स्वतंत्रता दिवस को ‘सौरग्राम दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इस दिन महावितरण के अभियंता और कर्मचारी प्रत्येक गाँव में ग्रामसभा और विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर उपभोक्ताओं को योजना के लिए प्रेरित करेंगे।
देश के हर नागरिक को बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना’ शुरू की है। इसके तहत अपने घर की छत पर सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन कर उसका उपयोग किया जाता है। इस योजना के लिए केंद्र सरकार ने 75 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। महाराष्ट्र में महावितरण ने 1000 मेगावाट क्षमता का आंकड़ा पार कर लिया है। पुणे जिले में 19,195 उपभोक्ताओं ने छत पर सौर प्रकल्प स्थापित किए हैं, जिनकी कुल क्षमता 89 मेगावाट है।
छत पर सौर ऊर्जा उत्पादन परियोजना लगाने के लिए केंद्र सरकार उपभोक्ताओं को सीधा अनुदान देती है। 1 किलोवाट क्षमता के प्रकल्प पर 30 हजार रुपये, 2 किलोवाट पर 60 हजार रुपये और 3 किलोवाट पर 78 हजार रुपये का अनुदान मिलता है। हाउसिंग सोसायटियों को 500 किलोवाट तक प्रति किलोवाट 18 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है। छत पर लगाए गए सौर ऊर्जा प्रकल्प से 25 वर्ष तक बिजली का उत्पादन होता है, जिससे घर की जरूरत पूरी होती है और अतिरिक्त बिजली महावितरण को बेची जा सकती है।
योजना को घर-घर तक पहुँचाने के लिए स्वतंत्रता दिवस पर ग्रामसभा, रैली, रोड शो और सूर्यघर योजना के पर्चे वितरित कर नागरिकों को इसके महत्व से अवगत कराया जाएगा। पुणे शहर की हाउसिंग सोसायटियों में भी कार्यक्रम आयोजित कर जानकारी दी जा रही है और कई सोसायटियों में महावितरण की ओर से बड़े पैमाने पर मेले भी आयोजित किए गए हैं।