
पुणे। रेलवे सुरक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए पुणे रेल मंडल के इलेक्ट्रिक इंजनों में अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित हाई-डेफिनिशन सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। ये कैमरे 360 डिग्री एंगल से हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रखेंगे — चाहे वह रेल की पटरियों पर हो या फिर इंजन के अंदर।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इस अत्याधुनिक तकनीक से न सिर्फ हादसों की जांच आसान होगी, बल्कि लोको पायलट के कामकाज, तनाव या व्यवहार की निगरानी भी की जा सकेगी। साथ ही, ट्रैक पर किसी भी तरह की अनियमित हरकत, मवेशियों या व्यक्तियों की उपस्थिति, सिग्नल और फाटकों की स्थिति पर भी नजर रखी जा सकेगी।
पुणे मंडल में ७७ इलेक्ट्रिक इंजन, १० में कैमरे लग चुके
पुणे रेल मंडल के पास कुल ७७ इलेक्ट्रिक इंजन और ५१ डीजल इंजन हैं। इनमें से डीजल इंजन का उपयोग केवल डेमू ट्रेनों व यार्ड कार्यों के लिए होता है। रेलवे बोर्ड के आदेश के अनुसार फिलहाल इलेक्ट्रिक इंजनों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं।
अब तक १० इंजनों में कैमरे इंस्टॉल किए जा चुके हैं, जबकि शेष में प्रक्रिया जारी है।
हर इंजन में होंगे ६ कैमरे:
दो कैमरे ड्राइविंग केबिन में — लोको पायलट की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए
चार कैमरे इंजन के बाहर — चारों दिशाओं में, ट्रैक, सिग्नल, फाटक और अन्य गतिविधियों की निगरानी के लिए
सभी कैमरे हाई-डेफिनिशन और हाई-रिज़ोल्यूशन वाले होंगे। इसके साथ इंजन में एक वीडियो रिकॉर्डिंग यूनिट भी लगाई जाएगी।
क्या होगा फायदा?
ड्राइविंग केबिन के कैमरे: पायलट के तनाव, व्यवहार, काम के तरीके की निगरानी
इंजन के बाहर लगे कैमरे: ट्रैक पर मवेशी, व्यक्ति, बाधा, या कोई भी असामान्य हलचल कैद होगी
जनसंपर्क अधिकारी हेमंतकुमार बेहरा ने कहा: “पुणे रेल मंडल के लोको इंजनों में सीसीटीवी लगाए जा रहे हैं। अब तक १० इंजनों में इंस्टॉलेशन पूरा हो चुका है। बाकी में काम जारी है। यह कदम रेलवे सुरक्षा को और प्रभावी बनाएगा।”
रेलवे की यह पहल न केवल यात्रियों की सुरक्षा को बढ़ाएगी, बल्कि तकनीक के माध्यम से पारदर्शिता और उत्तरदायित्व भी सुनिश्चित करेगी।