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जलसंवर्धन परियोजना का लोकार्पण; 50 हेक्टेयर क्षेत्र को मिलेगा लाभ, 200 से अधिक किसानों को राहत

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पुणे/सातारा। विश्व संवर्धन दिवस के अवसर पर सातारा जिले के खंडाला तालुका स्थित बावडा गांव में ‘री-अश्योर 2.0’ परियोजना के तहत जलसंवर्धन परियोजना का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर मृद-नाला बांध की मरम्मत कर जलपूजन, हस्तांतरण और वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन हुआ। यह पहल उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक की सीएसआर योजना, नैब फाउंडेशन के सह-वित्तीय सहयोग और वनराई संस्था के संयुक्त प्रयास से साकार हुई है।

इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य भूजल स्तर बढ़ाना, सतत कृषि को प्रोत्साहन देना और पर्यावरणीय संतुलन साधना है। परियोजना के माध्यम से गांव के लगभग 50 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी तथा 200 से अधिक किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।

लोकार्पण अवसर पर मान्यवरों ने जलपूजन कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए वृक्षारोपण किया। कार्यक्रम में उज्जीवन बैंक के रिजनल मैनेजर (सस्टेनेबल बैंकिंग) वैभव भगत, आरईसी हेड व रिजनल मैनेजर पंकज केसारवाणी, स्टेट हेड व रिजनल मैनेजर कृष्णकांत राणे, रिजनल मैनेजर (ऑपरेशंस) अमोल भामरे, रिजनल आईटी मैनेजर नितीन मंदावडे, मैनेजर (सस्टेनेबल बैंकिंग) योगेश गुरदाळकर, ब्रांच मैनेजर अमोल गुरव, एरिया मैनेजर राजय निकम, वनराई के सचिव अमित वाडेकर, प्रतिनिधि सुरेश फडके और आकाश शेडगे, नैब फाउंडेशन की सचिव आदिति शुक्ला व अली बेग उपस्थित थे।

इसके अलावा, खंडाला तालुका के तहसीलदार योगेश पाटील, गटविकास अधिकारी अनिल वाघमारे, ग्राम महसूल अधिकारी संदीप गुलगुले और सातारा जिला परिषद के सभापति मनोज पवार ने भी कार्यक्रम में सहभागिता दर्ज की।

गांववासियों की सक्रिय भागीदारी, ग्रामपंचायत का सहयोग, वनराई का तकनीकी मार्गदर्शन और उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक व नैब फाउंडेशन की सामाजिक प्रतिबद्धता के कारण यह पहल जनसहभागिता से जलसंवर्धन का आदर्श उदाहरण बनी। सतत जल प्रबंधन की दिशा में उठाया गया यह कदम कृषि उत्पादन वृद्धि, पलायन रोकने और भविष्य के पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।

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