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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रयास से 12 पीड़ित मजदूरों को मिली मुक्ति

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पुणे। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सोनल पाटिल के नेतृत्व में, विश्व मानव तस्करी विरोधी दिवस के अवसर पर शिरूर तालुका के आलेगांव पागा में जिला प्रशासन, श्रम विभाग और पुलिस की संयुक्त मोहीम चलाकर बुधवार (30 जुलाई) को कुल 12 पीड़ित मजदूरों को मुक्त कराया गया। पीड़ित मजदूरों ने इस कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया।

मिली जानकारी के अनुसार, इंडिया लेबरलाइन संस्था को शिकायत मिलने पर गुड़ बनाने की एक यूनिट में बचाव अभियान चलाया गया। मुक्त कराए गए 12 पीड़ितों में 7 बच्चे भी शामिल हैं। ये सभी पैठण, छत्रपति संभाजीनगर के निवासी हैं। उन्हें अग्रिम राशि देकर पिछले 2 वर्षों से उनकी गतिविधियों पर रोक लगाई गई थी, शारीरिक शोषण किया जा रहा था और काम से निकाल दिया गया था।

इस मामले में संदीप बालू दुबे के खिलाफ बंधनकारी श्रमिक प्रणाली (उन्मूलन) अधिनियम 1976 और भारतीय न्याय संहिता के तहत प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई है। प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी जरूरी प्रक्रियाएं अनिवार्य श्रमिक मानक कार्यपद्धति (SOP) के अनुसार 24 घंटे में पूरी कर मजदूरों की मुक्ति कराई। साथ ही उन्हें मुक्ति प्रमाणपत्र भी जारी किए गए और सुरक्षित रूप से पैठण, उनके मूल गांव, वापस भेजा गया।

इस कार्रवाई में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार गठित असंगठित क्षेत्र श्रमिक अधिकार एवं सुरक्षा समिति की कैरोल परेरा, एडवोकेट देवभक्त महापुरे, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के विधिक स्वयंसेवक रूपेश चव्हाण और दीपक ने सक्रिय भागीदारी की।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सोनल पाटिल ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से यह जानकारी दी।

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