
पुणे। कला, संस्कृति, संगीत, नृत्य, खेल और पर्यटन को प्रोत्साहन देने वाला ३७वां पुणे फेस्टिवल २७ अगस्त से ६ सितंबर तक भव्य रूप से आयोजित किया जाएगा। श्री गणेश कला-क्रिडा रंगमंच के साथ-साथ बाल गंधर्व रंगमंदिर और आर्ट गैलरी में लगातार दस दिनों तक आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। ये सभी कार्यक्रम पुणेकरों के लिए निःशुल्क खुले रहेंगे, ऐसी घोषणा सांस्कृतिक कार्यक्रम संयोजक मोहन तिल्लो ने पत्रकार परिषद में की। इस अवसर पर पुणे फेस्टिवल के उपाध्यक्ष कृष्णकुमार गोयल, मुख्य संयोजक अॅड. अभय छाजेड, सांस्कृतिक कार्यक्रम संयोजक डॉ. सतीश देसाई सहित विभिन्न कार्यक्रमों के संयोजक उपस्थित थे।
इस वर्ष का पुणे फेस्टिवल सांस्कृतिक विविधता का भव्य संगम होगा, जिसमें विशेष महिलाओं के लिए लावणी, पद्मश्री हेमा मालिनी को समर्पित संगीतमय प्रस्तुति “ड्रीम गर्ल”, उभरते कलाकारों के लिए ‘उगवते तारे’ और ‘इंद्रधनुष’, हिंदी हास्य कवि सम्मेलन, ‘वॉइस ऑफ पुणे फेस्टिवल’ प्रतियोगिता, भारती विद्यापीठ का ‘आविष्कार भारती’, हिंदी-उर्दू-पंजाबी नाटक ‘जिस लाहौर नहीं देखा, ओ जम्या ही नहीं’, कावेरी संस्थान समूह का ‘बाल संगीत महोत्सव’, ‘केरल महोत्सव’, मराठी नाट्य व कवि सम्मेलन, ट्विन्स गैदरिंग, ‘प्रिय भाई, एक कविता हवी आहे’ और ‘ज्याचा त्याचा विठ्ठल’ जैसे संगीतमय नाट्यप्रयोग, महिलाओं की नृत्य प्रतियोगिता, ‘मिसेज पुणे फेस्टिवल’ स्पर्धा, दुल्हन व पौराणिक थीम मेकअप प्रतियोगिता, ‘रोटरीचे इंद्रधनु’, क्लासिक नाटक ‘संगीत सौभद्र’ और मराठी ऑर्केस्ट्रा शामिल होंगे।
कार्यक्रम की शुरुआत २८ अगस्त को विशेष महिला लावणी से होगी, जिसमें अर्चना जावळेकर, पूजा सावंत, नमिता पाटील, संगीता लखें, प्राची मुंबईकर और शुभांगी पुनकर प्रस्तुति देंगी। रात ९:३० बजे “ड्रीम गर्ल” संगीतमय कार्यक्रम का आयोजन होगा।
२९ अगस्त को ‘इंद्रधनुष’ व ‘उगवते तारे’ के अंतर्गत बच्चों व युवा कलाकारों की प्रस्तुतियाँ होंगी। रात को हास्य कवि सम्मेलन होगा, जिसमें सुदीप भोला (दिल्ली), हिमांशु बावंदर (उज्जैन), सुमित्रा सरल (रतलाम) और अन्य नामचीन कवि शिरकत करेंगे।
३० अगस्त को ‘वॉइस ऑफ पुणे फेस्टिवल’ प्रतियोगिता, ‘आविष्कार भारती २०२५’ और प्रसिद्ध नाटक ‘जिस लाहौर नहीं देखा, ओ जम्या ही नहीं’ का मंचन होगा।
३१ अगस्त को बालसंगीत महोत्सव तथा केरल महोत्सव का आयोजन होगा।
१ सितंबर को सुप्रसिद्ध अभिनेत्री मुक्ता बर्वे ‘प्रिय भाई, एक कविता हवी आहे’ प्रस्तुत करेंगी।
२ सितंबर को ट्विन्स गैदरिंग और नाट्यप्रयोग ‘ज्याचा त्याचा विठ्ठल’ होगा।
३ सितंबर को मेकअप प्रतियोगिता, मराठी कवि सम्मेलन और ‘सोनरी-चंदेरी संगीत महफिल’ में दिग्गज कलाकारों को शताब्दी श्रद्धांजलि दी जाएगी।
४ सितंबर को ‘नृत्य झंकार’ नृत्य प्रतियोगिता, दो विशेष जुगलबंदी और ‘रोटरीचे इंद्रधनु’ का आयोजन होगा।
५ सितंबर को मिसेज पुणे फेस्टिवल प्रतियोगिता, क्लासिक नाटक ‘संगीत सौभद्र’ और रात को मराठी ऑर्केस्ट्रा ‘सुर टेक छेडिता’ का आयोजन होगा।
बाल गंधर्व रंगमंदिर में संपूर्ण कार्यक्रम व्यवस्था श्रीकांत कांबळे और अतुल गोंजारी के नेतृत्व में होगी।
मोहन तिल्लो ने पुणेकरों से अपील की है कि वे इस भव्य सांस्कृतिक पर्व का आनंद लें।