पुणे में 200 करोड़ का घोटाला उजागर, नामी बिल्डर समेत 19 लोगों पर मामला दर्ज

पुणे. मावल और पिंपरी-चिंचवड़ क्षेत्र में जमीन के बढ़ते दामों के बीच अब उस पर कब्जा जमाने के लिए गुंडों और अपराधी गिरोहों का सहारा लिया जा रहा है। इसी कड़ी में ताथवडे स्थित करीब 36 हेक्टेयर जमीन पर कब्जे की बड़ी साजिश का पर्दाफाश हुआ है। इस मामले में रामा ग्रुप के मोती पंजाबी समेत 19 लोगों के खिलाफ लष्कर थाने में मामला दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई सीधे पुणे पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार की मंजूरी के बाद ही शुरू की गई।
200 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप
पिंपरी-चिंचवड़ के कई नामी बिल्डरों पर जमीन हड़पने और 200 करोड़ की फर्जीवाड़ा करने का आरोप है। जमीन के गैरव्यवहार, फर्जी दस्तावेज बनाकर कब्जा जमाने और साजिश रचने में इन बिल्डरों के साथ कुल 19 लोग शामिल पाए गए। इनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 61 (2), 111 और 318 (4) के तहत केस दर्ज हुआ है।
ऐतिहासिक जमीन का विवाद
यह जमीन 1769 में पेशवा सरकार ने थत्ते परिवार को इनाम स्वरूप दी थी। 1953 में इनाम एबोलिशन एक्ट के बाद जमीन सरकार के कब्जे में चली गई। लंबे कानूनी संघर्ष के बाद कोर्ट ने जमीन का हक फिर थत्ते परिवार को दिया। इसके बाद कारोबारी राजीव अरोरा ने कानूनी प्रक्रिया से 34 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन खरीदी थी।
अरोरा परिवार ने जमीन पर सुरक्षा गार्ड तैनात किए और चारदीवारी बनाई। लेकिन रामा ग्रुप ने गुंडों के सहारे कब्जे की कोशिश की। आरोप है कि इस दौरान कई लोगों ने नकली कागजात तैयार कर अपने हक का दावा किया।
फर्जी दस्तावेजों से खेल
फिरियादी राहुल अरोरा ने अपनी शिकायत में मोती पंजाबी, राजू पंजाबी, जितेंद्र पंजाबी, नरेश पंजाबी सहित 19 लोगों के नाम दिए हैं। इनमें किरण थत्ते, उदय थत्ते, महेश गाडगील, प्रकाश छाजेड, अभिजीत काटे और संदीप पवार का भी समावेश है। आरोप है कि इन्होंने फर्जी दस्तावेज बनाकर जमीन की बिक्री के फर्जी करार किए और अन्य बिल्डरों के साथ भी समझौते दिखाए।
पुलिस आयुक्त का हस्तक्षेप
शिकायत की गंभीरता देखते हुए मामला सीधे आर्थिक गुन्हे शाखा (EOW) को सौंपा गया। पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार की मंजूरी के बाद ही अपराध दर्ज किया गया।
फिलहाल पुणे पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपियों की गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है। रामा ग्रुप और संबंधित बिल्डरों पर आगे क्या कार्रवाई होती है, इस पर पूरे शहर की नजरें टिकी हुई हैं।