दिव्यांग सर्वे के लिए आशा वर्कर्स को विशेष प्रशिक्षण : पिंपरी चिंचवड महानगरपालिका की पहल

पिंपरी। पिंपरी चिंचवड महानगरपालिका (पीसीएमसी) ने दिव्यांग भवन और महात्मा गांधी सेवा संघ के सहयोग से शहर में दिव्यांगजन (PwDs) का सटीक डाटाबेस तैयार करने हेतु एक व्यापक सर्वे की शुरुआत की है। इस सर्वे को सफल बनाने के लिए आशा वर्कर्स को हाल ही में निगडी स्थित जी.डी. माडगुलकर सभागृह में विशेष प्रशिक्षण दिया गया।
यह प्रशिक्षण आयुक्त व प्रशासक शेखर सिंह तथा अतिरिक्त आयुक्त प्रदीप जांभळे पाटील के मार्गदर्शनाखाली, उपायुक्त ममता शिंदे के नेतृत्व में आयोजित किया गया। इसमें आशा वर्कर्स को दिव्यांग व्यक्तियों की पहचान करने, उनसे संवेदनशील संवाद करने तथा उनकी जानकारी एक विशेष डिजिटल एप्लीकेशन के माध्यम से दर्ज करने के तरीकों से अवगत कराया गया।
इस अवसर पर सहायक आयुक्त (सामाजिक कल्याण) निवेदिता घरगे, सहायक वैद्यकीय आरोग्य अधिकारी डॉ. अंजली धोणे, महात्मा गांधी सेवा संघ के प्रकल्प संचालक विजय कन्हेकर, डॉ. वर्षा गट्टू, डीईआईसी पुणे की डॉ. प्रज्ञा गावडे व डॉ. कल्याणी मंडके, दिव्यांग भवन के सीईओ परेश गांधी तथा पीसीएमसी सामाजिक विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारी व आशा वर्कर्स उपस्थित थे।
प्रशिक्षण में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की जानकारी भी दी गई, जिसके अंतर्गत दिव्यांगताओं की मान्यता प्राप्त श्रेणियां 7 से बढ़ाकर 21 कर दी गई हैं और प्रत्येक पांच वर्ष में स्थानीय स्तर पर सर्वे अनिवार्य है। आशा वर्कर्स को दिव्यांगता के प्रकार के साथ-साथ सामाजिक व जनसांख्यिकीय विवरण दर्ज करने की जिम्मेदारी सौंपी गई, ताकि लक्षित सरकारी योजनाओं का लाभ सही व्यक्ति तक पहुँच सके।
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प्रमुख वक्तव्य :
“सिर्फ संख्या जुटाना इस सर्वे का उद्देश्य नहीं है। असली मकसद दिव्यांगजनों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है, ताकि हर व्यक्ति तक सरकारी योजनाएं और सुविधाएं पहुँच सकें। पीसीएमसी समावेशी शहरी विकास के तहत दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
– शेखर सिंह, आयुक्त, पीसीएमसी
“दिव्यांगजनों को मुख्यधारा से जोड़ना केवल प्रशासनिक कार्य नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी है। इस सर्वे के माध्यम से हम प्रत्येक व्यक्ति तक उसका अधिकारपूर्ण लाभ पहुँचा सकेंगे। आशा वर्कर्स के सहयोग से यह लक्ष्य हासिल होगा।”
– प्रदीप जांभळे पाटील, अतिरिक्त आयुक्त, पीसीएमसी
“आशा वर्कर्स के लिए जरूरी है कि वे कानूनी ढांचे और प्रोटोकॉल को समझते हुए सर्वे करें। यह प्रशिक्षण उन्हें उसी दिशा में तैयार कर रहा है। यह पहल शहर में दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण की दिशा में अहम कदम साबित होगी।”
– ममता शिंदे, उपायुक्त, पीसीएमसी



