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भारतीय संस्कृति में नारी को प्रथम स्थान : चंद्रकांतदादा पाटील

कोथरुड में 3000 से अधिक कन्याओं का पूजन

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पुणे। भारतीय संस्कृति में नारी को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है और उसकी पूजा की जानी चाहिए, ऐसा प्रतिपादन राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री तथा कोथरुड के विधायक चंद्रकांतदादा पाटील ने किया। उन्होंने कहा कि आज की परिस्थितियों में बालिकाओं को विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाना आवश्यक है।

नवरात्रोत्सव के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले कन्यापूजन कार्यक्रम का आयोजन इस वर्ष भी चंद्रकांतदादा पाटील के पहल से किया गया। इस अवसर पर 3000 से अधिक कन्याओं का पूजन संपन्न हुआ।

कार्यक्रम में संयोजिका एवं पुणे शहर की चिटणीस प्रा. डॉ. अनुराधा येडके, पुणे जिला नियोजन समिति सदस्य डॉ. संदीप बुटाला, भाजपा कोथरुड मध्य मंडल महिला मोर्चा अध्यक्षा हर्षाली माथवड, पूर्व नगरसेविका मंजुश्री खर्डेकर, वासंती जाधव, वृषाली चौधरी, छाया मारणे, एड. मिताली सावळेकर, राज तांबोळी, गिरीश खत्री, अजित जगताप, दीपक पवार, अनिता तलाठी, प्राची बगाटे, पूनम कारखानिस, अपर्णा लोणारे, सुजाता जगताप सहित भाजपा पदाधिकारी और बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थीं।

चंद्रकांतदादा पाटील ने कहा कि भारतीय परंपरा में हम सदैव बुद्धि की देवी सरस्वती, धन की देवी महालक्ष्मी और शक्ति स्वरूपा जगदंबा की पूजा करते हैं। यह सभी स्त्री स्वरूप ही हैं। लेकिन पुरुषप्रधान मानसिकता के कारण नारी को लंबे समय तक द्वितीयक स्थान पर रखा गया। विदेशी आक्रमणों से सुरक्षा हेतु उसे घर की चारदीवारी में सीमित कर दिया गया और स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी समाज ने उसे पूरी तरह स्वतंत्र नहीं किया।

उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से यह स्थिति तेजी से बदल रही है। आज महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं। राज्य सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए फीस माफी योजना लागू की है, जिसके कारण उच्च शिक्षा में छात्राओं की संख्या बढ़ी है। विभिन्न विश्वविद्यालयों में पीएचडी करने वालों में भी छात्राओं की संख्या अधिक है।

पाटील ने बताया कि कोथरुड विधानसभा क्षेत्र में मानसी उपक्रम के माध्यम से गरीब परिवारों की बेटियों के व्यक्तित्व विकास पर ध्यान दिया जा रहा है, सुखदा योजना के तहत गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल की जा रही है तथा महिला बचत समूहों को उद्योग शुरू करने के लिए सहायता दी जा रही है। ऐसे अनेक उपक्रमों के जरिए कोथरुड की महिलाओं को सशक्त बनाने का कार्य किया जा रहा है।

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