
पुणे. एसवी ग्रुप के अध्यक्ष और उद्यमी विकास डांगट ने विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर चेताया कि मिट्टी और पानी की गिरती गुणवत्ता भोजन के लिए खतरनाक होती जा रही है। एमआईटी एडीटी यूनिवर्सिटी, विश्वराजबाग, पुणे में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “हरित क्रांति के बाद देश में खाद्यान्न उत्पादन तो बढ़ा, लेकिन कीटनाशकों और रसायनों के अधिक उपयोग से मिट्टी की उर्वरता कम हो गई है। साथ ही, भूजल भी प्रदूषित हो रहा है, जो हमारी दैनिक भोजन की गुणवत्ता को प्रभावित कर रहा है।”
यह आयोजन एमआईटी यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ फूड टेक्नोलॉजी द्वारा किया गया था, जिसमें प्रो. डॉ. सुनीता कराड (कार्यकारी निदेशक), डॉ. नीलेश अमृतकर (प्रबंध निदेशक, इन विरो केयर लैब), डाॅ.अंजली भोईटे और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
डॉ. अमृतकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हवाला देते हुए कहा कि “दुनिया में हर खाने की मेज पर एक भारतीय व्यंजन होना चाहिए। हमें इस दिशा में एक नई खाद्य क्रांति की शुरुआत करनी चाहिए।” उन्होंने शोध और छात्रों को नए प्रकार के भोजन पर शोध करने के लिए प्रेरित करने पर जोर दिया।
अध्यक्षीय भाषण में प्रो. डॉ. सुनीता कराड ने कहा कि “भारत कृषि प्रधान देश है, लेकिन अब कृषि को अर्थव्यवस्था से जोड़ने की आवश्यकता है।” उन्होंने किसानों को जैविक खेती को अपनाने और वैज्ञानिकों को कृषि एवं खाद्य गुणवत्ता में सुधार के लिए अनुसंधान के लिए प्रेरित करने की बात कही।
कार्यक्रम में छात्रों ने फूड स्टॉल, रिसर्च प्रतियोगिता, और पोस्टर प्रदर्शनी जैसे विभिन्न गतिविधियों में भाग लिया, जिससे विश्व खाद्य दिवस को खास रूप से मनाया गया।
खाद्य और कृषि क्षेत्र के उत्कृष्ट लोगों को सम्मानित किया गया
इस अवसर पर एमआईटी एडीटी यूनिवर्सिटी ने एमएस स्वामीनाथन चेयर के तहत गोवा के प्रगतिशील किसान चिन्मय तंशीकर, सातारा मेगा फूड पार्क के उपाध्यक्ष विजय कुमार चोले, और वरुण एग्रो प्रोसेसिंग फूड्स, नासिक की प्रबंध निदेशक मनीषा धात्रक को सम्मानित किया। तीनों पुरस्कार विजेताओं ने अपने अनुभवों के माध्यम से छात्रों को प्रेरित किया और कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में नई दृष्टि देने की बात कही।