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“दिड दा.. दिड  दा” पुस्तक का विमोचन

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पुणे. प्रसिद्ध सितार वादक, संगीत निर्देशक और संगीत चिकित्सा विशेषज्ञ पंडित शशांक कट्टी द्वारा उनकी आत्मकथा पर आधारित पुस्तक “दिड दा..दीड दा” का विमोचन आज होटल रविराज में सुप्रसिद्ध लेखिका शोभा बोंद्रे द्वारा किया गया। यह पुस्तक उन्मेष प्रकाशन, पुणे द्वारा प्रकाशित की गई है और डॉ. अंजलि जोशी द्वारा  शब्दांकित कि गयी है।

इस विमोचन समारोह के दौरान सुप्रसिद्ध गायक पं. सुहास व्यास, सितार वादक उस्ताद उस्मान खा, लेखक डॉ. शशांक कट्टी, शोभा बोंद्रे, पंडित हेमंत पेंडसे, डॉ. अंजलि जोशी, उन्मेष प्रकाशन की मेधा राजहंस, चित्रा कट्टी, भालचंद्र कुलकर्णी, डॉ. संगीता सांगवीकर और संगीत के क्षेत्र के जाने-माने कलाकार मौजूद थे।

शोभा बोंद्रे ने कहा, “शशांक और नील कट्टी ने तिलक मंदिर पार्ले, मुंबई में एक प्रायोगिक थिएटर संस्थान गॉसिप ग्रुप में शंकनील नाम से संगीतकार के रूप में अपना करियर शुरू किया। उन्होंने लगभग दस नाटकों में अद्वितीय संगीत दिया। उनके द्वारा रचित संगीतमय नृत्य नाटक दुर्गा झाली गौरी बहुत लोकप्रिय हुआ। उन्होंने पी. जितेंद्र अभिषेकी, सुमन कल्याणपुर, आशा भोसले, अनुराधा पौडवाल, देवकी पंडित, आरती अंकलिकर, सुरेश वाडकर जैसे कई प्रसिद्ध गायकों के गायन के लिए संगीत निर्देशन किया। पिछले २७ वर्षों से संगीत चिकित्सा के क्षेत्र में काम करके उन्होंने संगीत मानव रोगों को ठीक कर सकता है  ऐसी एक नई दृष्टि दी है।

लेखक के विचारों को व्यक्त करते हुए शशांक कट्टी ने कहा, “जीवन में मिले लोगों से मिले अच्छे और बुरे अनुभवों, कई संगीत समारोहों, बड़े और छोटे लोगों के साथ बिताए सुनहरे पलों, भाई सुनील के साथ संगीत रचना करते समय उन्हें जो असाधारण आनंद मिला है,  इसकी जानकारी  मैंने इस किताबामे लिखी है ”

मेधा राजहंस ने कहा, “सर की  सितार  क्लास में पढ़ते समय मैं उनसे पुरानी किंवदंतियों की यादें सुनती थी। मुझे लगा कि उन्हें पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जाना चाहिए। अब जब संगीत के क्षेत्र में इस पुराने युग को शब्दों में पिरोया गया है, तो यह हमेशा के लिए अमर हो जाएगा।

प्रसिद्ध सितार वादक उस्मान खा ने कहा, “पंडित शशांक कट्टी ने बहुत ही सरल और सुंदर भाषा में यह पुस्तक लिखी है। उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो, एचएमवी, बंधी चाली में किए गए संगीत निर्देशन को सुंदर शब्दों में प्रस्तुत किया है।”

डॉ. अंजली  जोशी ने कहा, “मुझे उनके प्रत्येक साक्षात्कार से एक अलग अनुभव मिला। यह पुस्तक कलाकार-सितार वादक, वीनस रिकॉर्ड्स के संगीत निर्देशक – शंकनील, संगीत निर्देशक और सुर संजीवन, संगीत के माध्यम से रोग मुक्त जीवन की ओर बढ़ने के लिए संगीत के खंड में प्रस्तुत की गई है।”कार्यक्रम का संचालन और आभार प्रदर्शन डॉ. संगीता सांगवीकर ने किया।

 

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